होम / दुर्ग-भिलाई / युवाओं के सच्चे आदर्श और आराध्य देवता है वीर हनुमान: आचार्य डॉ. अजय आर्य
दुर्ग-भिलाई
-प्रतिदिन व्यायाम, शाकाहार, नशा मुक्ति का दिलाया संकल्प
दुर्ग। आर्य समाज मंदिर आर्य नगर, दुर्ग में हनुमान जयंती पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ वेद मंत्रों के उच्चारण के साथ किया गया। आर्य समाज के मंत्री मनोज आर्य ने कहा - वीर हनुमान को बंदर समझना मूर्खता है। हनुमान वेदों और व्याकरण के प्रकांड विद्वान थे।
कार्यक्रम का संचालन कृष्णमूर्ति ने किया। सभा को संबोधित करते हुए आचार्य डॉ. अजय आर्य ने कहा- युवाओं के सच्चे आदर्श वीर हनुमान ही हो सकते हैं। हनुमान के जीवन में शक्ति भक्ति और सेवा की त्रिवेणी है। जिम जाने वाली इस पीढ़ी को वीर हनुमान से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि आज की पीढ़ी सिक्स पैक के चक्कर में उलझी हुई है। हीरो के कृत्रिम शरीर सौष्ठव को देखकर आकृष्ट होती है। वीर हनुमान की शक्ति और उनका शरीर सौष्ठव अप्रतिम है। वाल्मीकि रामायण में हनुमान का परिचय देते हुए बताया गया है कि ऋग्वेद और यजुर्वेद को जानने वाले हनुमान थे। हनुमान की शक्ति अद्भुत थी। हनुमान का बुध्दिबल रण कौशल और श्री राम की सेवा के प्रति उनका समर्पण अप्रतिम है। ताकतवर होने के बाद भी उनके पास विनम्रता की अद्भुत शक्ति है। शास्त्र कहते हैं कि जो बड़ों का आदर करता है उसकी आयु विद्या यश और बल प्राप्त होते हैं। हनुमान के चरित्र में विलक्षण व्यक्तित्व समय हुआ है
तीन प्रतिज्ञाएं..
महर्षि स्वामी दयानंद सरस्वती ने भक्ति का अर्थ लिखते हुए कहा है भक्ति अर्थात इस की आज्ञा पालन करने में तत्पर रहे। अगर आप किसी महापुरुष के भक्त हैं तो आपको उनके बताएं मार्ग पर चलना चाहिए। आजकल भ्रांति है कि मांसाहार के बिना व्यक्ति शक्तिशाली नहीं होता। इस भ्रम को वीर हनुमान का व्यक्तित्व तोड़ता है। वीर हनुमान के आदर्श पर चलते हुए हम सभी को तीन प्रतिज्ञाएं करनी चाहिए। शारीरिक और आत्मिक बल के लिए प्रयत्न करना। प्रतिदिन व्यायाम करने और स्वास्थ्य के नियमों का पालन करना चाहिए। शाकाहार को अपनाना चाहिए। मांसाहार का परित्याग करना चाहिए। युवा पीढ़ी को नशे से दूर रहने का संकल्प लेना चाहिए। इन तीन प्रतिज्ञाओं से तीन संकल्पों से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे।
कार्यक्रम में मनोज आर्य, कृष्णमूर्ति आर्य , इंद्र आर्य, हिमांशु आर्य, डॉ नीलमा मल्होत्रा, डॉ रजनीश मल्होत्रा, संदेश आर्य,विवेक आर्य, सुपर्णा आर्य , कान्हा आर्य, तुषार आर्य , साक्षी आर्या, कविता आर्या, दामिनी आर्या दिव्या माता जी, भाग्यश्री आर्या आदि ने आहुति प्रदान की।
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