दुर्ग। एक शिक्षक को पढाना छुड़ाकर गैर शैक्षणिक कार्य कराने वाला सिस्टम बदलने की वकालत करते हुए छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरेशन संगठन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पॉल ने कहा कि कभी मंत्रियों के आगमन पर व्यवस्था के नाम पर ड्यूटी, कभी कोरोना काल में ड्यूटी, कभी महीनों बी एल ओ ड्यूटी तो कभी शासकीय कार्यक्रमों में पानी पिलाने व व्यवस्था के नाम पर चपरासियों जैसे गैर शैक्षणिक कार्य कराने का ही यह द्रुतांत नतीजा है कि आज हमारे बीच एक शिक्षक साथी भगत राम पटेल 52 वर्ष हमारे बीच नहीं रहे । स्वर्गीय भगत राम पटेल की मृत्यु नहीं होती यदि वे अपने शाला में पढा रहे होते। मगर इन गैर शैक्षणिक कार्यों ने न केवल शिक्षा विभाग को कमजोर बना दिया है बल्कि विद्यार्थियों से उनके एक होनहार शिक्षक भी छीन लिया। एसे गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्युटी लगाते समय हमारे आला अधिकारियों को शिक्षकों की कतई चिंता करनी चाहिए और साथ ही उन विद्यार्थियों का भविष्य की भी चिंता करनी चाहिए जिन्हें ये शिक्षक पढ़ाते हैं। छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरेशन संगठन के प्रदेशाध्यक्ष राजेश पॉल ने एसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए प्रशासकों को जिम्मेदार बताया है और इसके जांच की मांग करते हुए लापरवाहों के विरुद्ध उचित कार्यवाही की मांग की है। राजेश ने स्वर्गीय भगत राम पटेल के परिवार के एक आश्रित को तत्काल शिक्षा विभाग में नौकरी और पांच करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की मांग शासन से की है , और चेतावनी दी है कि आने वाले समयों में यदि शिक्षकों को एसे ही गैर शैक्षणिक कार्यों में ड्युटी लगाते रहे तो भविष्य में संगठन के द्वारा इसका विरोध किया जाएगा और उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगा।
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