कोरबा । जिला कलेक्टर के पद पर रही निलंबित रानू साहू अब छत्तीसगढ़ डीएमएफ घोटाला कांड के आरोप में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिमांड पर हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने डीएमएफ घोटाला कांड के आरोप में 9 अक्टूबर को जेल में बंद रानू साहू को गिरफ्तार कर लिया है। प्रवर्तन निदेशालय रानू साहू से हर दिन 7 घंटे तक पूछताछ कर सकेगी। न्यायालय ने इसके लिए प्रवर्तन निदेशालय को 5 दिन का समय दिया है। सुनवाई के दौरान रानू साहू के कोर्ट में आंसू छलक पड़े। इस दौरान आंसू पोछते हुए उन्होंने कहा की मुझे प्रताडित किया जा रहा हैं पर में मजबूती से खड़ी हूँ मुझ पर सारे केस एक साथ लगा दीजिए।
जानकारी के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने रानू साहू को हिरासत में लेकर पूछताछ के लिए 9 अक्टूबर को रायपुर की पीएमएलए स्पेशल न्यायालय में पेश किया। इस दौरान रानू साहू की आंखों से आंसू बहने लगे। निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू ने कहा की कोयला मामले में सर्वोच्च न्यायालय से राहत मिल चुकी है। परंतु उसके बाद भी एक के बाद एक केस मुझ पर लगाए जा रहे हैं। एक साथ सारा केस लगा दीजिए। रानू साहू ने आगे कहा की जेल में रहते 16 महीने हो चुके हैं। एक-दो साल और रह सकती हूं। रानू साहू ने आरोप लगाते हुए कहा की उनका स्वास्थ्य जांच नहीं की जाती हैं। उन्हें स्वास्थ्य सुविधाएं मिलनी चाहिए, लेकिन नहीं दी जा रही हैं। उन्होंने न्यायालय से कहा की मुझे सोनोग्राफी और अन्य जांच करवाना है, लेकिन कई महीनों से यह नहीं हो पा रहा हैं। रानू साहू के वकील फैसल रिजवी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केस की पैरवी की। उन्होंने न्यायालय को बताया की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से डीएमएफ घोटाला कांड मामले में ईसीआईआर दर्ज कर ली गई थी, लेकिन अब तक कोई जांच नही की गई। रानू साहू को कोयला घोटाला मामले में सर्वोच्च न्यायालय से जमानत मिल गई है और लेकिन एसीबी मामले में न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा है। ऐसे में उन्हें मानसिक रूप से प्रताडित करने और सोची समझी साजिश के तहत ऐसा किया जा रहा हैं। पीएमएलए स्पेशल न्यायालय ने निलंबित आईएएस रानू साहू से 7 घंटे पूछताछ की अनुमति दी है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी हर दिन प्रात: 10 बजे से शाम 5 बजे तक उनसे पूछताछ कर सकेगी। यह अनुमति 22 अक्टूबर तक के लिए दी गई है। पीएमएलए स्पेशल न्यायालय ने यह भी कहा कि रानू साहू को उनके परिवार वालों से एक दिन छोडकर मिलने की अनुमति होगी। रानू साहू को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोयला घोटाला मामले में 22 जुलाई 2023 को गिरफ्तार किया था। कोयला घोटाला मामले को लेकर साल 2022 में आयकर विभाग ने सबसे पहले रानू साहू के शासकीय निवास और दफ्तर में छापा मारा था। इसके बाद ईडी ने रानू साहू के घर छापा मारा था।
डीएमएफ घोटाले में ही मंगलवार को ईडी ने आदिवासी विभाग की उपायुक्त माया वारियर को गिरफ्तार किया था। कोरबा में माया आदिवासी विकास विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर पद पर रह चुकी हैं। ईडी ने उन्हें न्यायालय में पेश कर 23 अक्टूबर तक रिमांड पर लिया है। रानू साहू जून 2021 से जून 2022 तक कोरबा में कलेक्टर थीं। इसके बाद फरवरी 2023 तक वह रायगढ़ में कलेक्टर रहीं। इस दौरान माया वारियर भी कोरबा में पदस्थ थीं। जानकारी के अनुसार रानू साहू से करीबी संबंध होने के कारण ईडी ने माया वारियर के दफ्तर और घर में छापा मारा था। डीएमएफ मद की बड़ी राशि आदिवासी विकास विभाग को प्रदान की गई थी, जिसमें घोटाले का आरोप हैं। इसका प्रमाण मिलने के बाद ईडी ने माया वारियर को गिरफ्तार किया था। प्रदेश सरकार की ओर से जारी की गई जानकारी के मुताबिक ईडी की रिपोर्ट के आधार पर ईओडब्लू ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है। इस केस में यह तथ्य निकल कर सामने आया है कि जिला खनन निधि कोरबा के मद से अलग-अलग निविदा आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमितताएं की गईं है। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाने का भी आरोप हैं। जानकारी के अनुसार जांच रिपोर्ट में यह पाया गया है कि निविदा राशि का 40त्न सरकारी अधीकारियों को कमीशन के रूप में दिया गया है। निजी कंपनियों के निविदा पर 15त्न से 20त्न अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने लिया हैं। बताया जा रहा हैं की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि आईएएस अधिकारी रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के तथ्यों के मुताबिक निविदा जारी करने वाले अधीकारियों ने बिचैलिए के साथ मिलकर किसी भी चीज की असल कीमत से ज्यादा का बिल भुगतान कर दिया। इनके द्वारा आपस में मिलकर साजिश करते हुए पैसे कमाए गए। कोयला घोटाले मामले में ईडी को जेल में बंद कथित आरोपियों से पूछताछ की भी अनुमति मिल गई है। 23 अक्टूबर तक ईडी जेल में जाकर सूर्यकांत, रजनीकांत, निखिल और रोशन कुमार सिंह नामक कथित आरोपियों से पूछताछ करेगी।
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