-भारतीय सेना के जवानों के कलाईयों को सजाया बहनों ने
रायपुर। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी श्रावणी पूर्णिमा के शुभ अवसर पर अंतिम सोमवार होने के कारण जहां सुबह से ही शहर के प्राचीनतम मंदिर हठकेश्वरनाथ, बूढ़ेश्वरनाथ, नीलकंठेश्वरनाथ सहित विभिन्न शिवालयों में सुबह से ही भक्तों की कतार विधिवत पूजन के साथ ही भोलेनाथ का जलाभिषेक एवं दुग्धाभिषेक करते नजर आई। रक्षाबंधन होने के कारण आज पूरे देश भर में स्नेह का पर्व जो भाई बहन के प्रेम के प्रतीक है देश भर में धूमधाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यता के अनुसार आज ही यम की कलाईयों को रक्षासूत्र से यमुना ने सजाया था। वहीं महाभारत की कथा के अनुसार सुदर्शन चक्र चलाने के उपरांत भगवान श्री कृष्ण की ऊंगलियों से बहते रक्त को रोकने के लिए द्रोपती ने अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर भगवान श्री कृष्ण की ऊंगलियों को बांधा था जिसके फलस्वरूप द्रोपती के चीरहरन के समय श्री कृष्ण ने अपनी बहन द्रोपती की लाज बचाई थी।
गौरतलब है कि रक्षाबंधन का मुख्य उद्देश्य जहां बहनों द्वारा भाईयों की हाथों में रक्षासूत्र बांधना है वहीं भाईयों द्वारा हर परिस्थिति में बहन की रक्षा का वचन दिया जाता है। राजधानी में सुबह से ही आज बहनें सज धजकर अपने भाईयों की कलाईयों में रंग बिरंगी राखियां लेते गोलबाजार मालवीय रोड सदर बाजार सहित विभिन्न माल्स में खरीददारी करते नजर आयीं। देश की सीमाओं को सुरक्षित करने वाले बहादुर जवानों की कलाईयां भी बहनों ने राखी बांधकर सजायी। आज ही सेंट्रल जेल में बंद कैदी भाईयों को बहनों ने लाइन में लगकर राखी बांधकर उनसे आशीर्वाद लिया। बहनों की राखी बांधों अभियान के तहत देश भर की बहनों की सुरक्षा का वचन भी इस बार बहनों ने अपने भाईयों से लिया है।
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