पीएम मोदी के भाषण में पांच प्रण और त्रिशक्ति का किया जिक्र, जानिए क्यों हैं महत्वपूर्ण

पीएम मोदी के भाषण में पांच प्रण और त्रिशक्ति का किया जिक्र, जानिए क्यों हैं महत्वपूर्ण

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने आजादी के 75वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए पांच प्रण और त्रिशक्ति का जिक्र किया। आजादी के 75वें वर्ष में पीएम नरेंद्र मोदी स्वतंत्रता के 100 साल पूरे होने के वर्ष की रूपरेखा खींचते नजर आए। वर्ष 2047 के भारत को विकसित भारत बनाने का मंत्र उन्होंने लाल किले से दिया। इस मौके पर उन्होंने पांच प्रण और त्रिशक्ति का जिक्र किया। पीएम मोदी ने एकता और एकजुटता का संदेश दिया। अपनी विरासत पर गर्व करने का संदेश दिया। अगले 25 साल को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से ध्यान देना होगा। पांच प्रण का जिक्र करते हुए कहा कहा कि देश अब बड़े संकल्प को लेकर चल रहा है। हमें विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर चलना होगा।


पीएम मोदी के ये पांच प्रण
पीएम नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष में पांच प्रण का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि विकास की रफ्तार को बढ़ाने के लिए अपनी पुरानी व्यवस्था के तहत युवा चलने को तैयार नहीं है। इसके लिए तेज रफ्तार फैसले लिए जा रहे हैं। इसके लिए पांच प्रण का जिक्र किया।

पहला प्रण : 2047 तक विकसित भारत
पीएम नरेंद्र मोदी ने पहले प्रण का जिक्र करते हुए कहा कि हमें 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य पर काम करना होगा। इसके लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। विकसित भारत हमारा पहला संकल्प है। यह बड़ा संकल्प है, लेकिन इससे कम हमें मंजूर नहीं है।

दूसरा प्रण : गुलामी के अहसास से आजादी
पीएम मोदी ने लाल किले से लोगों को मानसिकता में बदलाव का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि हमें दूसरे प्रण के रूप में गुलामी की मानसिकता से आजादी पर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संकल्प जब बड़े होते हैं तो उसे सफल बनाने में भी लोगों को जोड़ने में कामयाबी मिलती है। उन्होंने कहा कि गुलामी के अहसास को हर हाल में भुलाना होगा। हमारी आदतों में गुलामी का कोई अंश है तो उसे निकालना होगा। हमें उसे बचने नहीं देना है।

तीसरा प्रण : विरासत पर गर्व

पीएम मोदी ने कहा कि हमें अपनी विरासत पर गर्व होना चाहिए। हमारी विरासत परिवार रही है। हमारी सांस्कृतिक विरासत दुनिया को रास्ता दिखाता है। हम सबको मिलकर अपनी विरासत के प्रति गर्व का भाव विकसित करना चाहिए। हमें अपनी संस्कृति और विरासत पर गर्व होना चाहिए।

चौथा प्रण : एकता, एकजुटता पर जोर
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कहा कि हमें एकता और एकजुटता पर जोर देना होगा। एकता में बड़ी शक्ति है। एकजुटता हमें किसी भी मुश्किल परिस्थिति का सामना करने की ताकत देता है। अगर 130 करोड़ भारतीय एकजुट हो जाएं। न कोई अपना, न पराया का भाव हो, तो विकास की रफ्तार को तेज करने से कोई नहीं रोक सकता है।

पांचवां प्रण : नागरिकों का कर्तव्य
पीएम मोदी ने पांचवें प्रण का जिक्र करत हुए कहा कि नागरिकों को अपने कर्तव्य के प्रति जागरूक होना चाहिए। नागरिकों का कर्तव्य देश के लिए होना जरूरी है। कर्तव्यों के प्रति जागरूक नागरिक ही देश को प्रगति की राह पर ले जाने में कामयाब होंगे।


त्रिशक्ति का किया जिक्र
पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के विकास के लिए त्रिशक्ति का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश में विकास की गति को बढ़ाने के लिए हमें 130 करोड़ देशवासियों की टीम इंडिया बनाकर चलना होगा। हमारे पास यह सबसे बड़ी शक्ति जिसे लेकर आगे चलना होगा। संकल्प और कर्तव्य के प्रति समर्पण का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि संकल्प बड़े होने चाहिए। इन संकल्पों को पूरा करने में लोग कर्तव्य के प्रति जागरूक होकर मदद कर सकते हैं।