आवारा मवेशियों की समस्या को ले कर इतना उदासीन क्यों है निगम प्रशासन ?

आवारा मवेशियों की समस्या को ले कर इतना उदासीन क्यों है निगम प्रशासन ?

दक्षिणापथ, दुर्ग। नेशनल रिफरेंस लेबोरेटरी (एनआरएल) की 6 सदस्यीय टीम एवं स्टेट टीबी सेल ने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत चलाए जाने वाले कार्यक्रमों का जायजा लिया। इस दौरान उन्होने टीबी मरीजों की शीघ्र जांच के लिए स्थापित किये गए सीबीनॉट लैब केंद्रों में जाकर कर्मचारियों से जानकारी हासिल की। टीम द्वारा जिले के सीबीनाट भिलाई, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र धमधा व जिला क्षय अस्पताल दुर्ग का भ्रमण किया गया। टीम द्वारा भ्रमण के दौरान सीबीनॉट रजिस्टर व लैब रजिस्टर कानिरीक्षण किया गया साथ ही मरीज से संबंधित सभी जानकारियों को खाली कालम में भरने के निर्देश दिए। टीम द्वारा रायपुर के लालपुर स्थित आईआरएल लैब में कम्यूनिटी वालेंटियर यानी टीबी मितान के माध्यम से 48 घंटे के भीतर सेक्टर-9 अस्पताल और जिला अस्पताल से मरीजों का सेम्पल स्पुटम भेजने के निर्देश दिए गए। साथ ही टीम द्वारा जिले के पदों को तत्काल भरने का निर्देश दिया गया। साथ ही टीम द्वारा टीबी रोग उन्मूलन के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना भी की गई।
देश भर में वर्ष- 2025 तक टीबी मिटाने के उद्देश्य से टीबी हारेगा देश जीतेगा अभियान के अंतर्गत समय-समय पर सभी जिलों में सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत दुर्ग जिले के हाई रिस्क एरिया में ग्रामीण और शहरी मलिन बस्तियों को लक्षित कर के श्रमिकों, वृद्वाआश्रम, रैन बसेरा व जेल के कैदियों के बीच जाकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 14 जनवरी से 15 फरवरी तक 2.33 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की थी। इनमें 2,383 संभावितों की सेम्पल जांच में से 53 लोगों में क्षय रोग की पुष्टी हुई है। टीम में राज्य स्तर के माइक्रो बायोलॉजिस्ट निशान्त मेश्राम, डब्लूएचओ कंसल्टेंट रोचक सक्सेना, एनआरएस (नेशनल रिफरेंस लेबोरेटरी) टीम के अरुण कुमार, पूजा कुमारी व जिला टीवी कार्यक्रम के मेडिकल ऑफिसर विनायक मेश्राम, विमल वर्मा, टीबीएचबी सुदेश बाबर, लैब सुपरवाइजर भूषण साहू, लैब टेक्नीशियन मधु तिवारी, डॉट प्लस सुपरवाइजर टीकम जाटवर व अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।