ट्विटर पर छाया ‘भूपेश है तो भरोसा है

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प्रतापगढ़ । राजस्थान के प्रतापगढ़ में 13 साल की एक नाबालिग के साथ रेप की घटना हुई, पीडि़ता प्रेगनेंट भी हो गई थी, लेकिन न तो उसे न ही घर में किसी को इसकी जानकारी लगी। मामले का खुलासा तब हुआ जब नाबालिग का पैर जल जाने के बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। 13 वर्षीय पीडि़त बालिका अपनी दादी के साथ गांव में रहती थी। उसकी दादी गांव के अन्य घरों में घरेलू काम करती है। पीडि़ता के माता-पिता मंदसौर में रहते हैं। पीडि़ता का पैर जलने के बाद बालिका को मंदसौर के राजकीय अस्पताल में दिखाने के लिए ले गए। यहां उसकी हालत देख डॉक्टर को शक हुआ तो सोनोग्राफी कराई गई। पता चला कि वो आठ महीने की गर्भवती है। डॉक्टरों ने मंदसौर की नगर पुलिस को इस बात की जानकारी दी। पुलिस ने रेप की जीरो एफआईआर काटकर 2 जनवरी 2022 को प्रतापगढ़ कोतवाली पुलिस को भेज दी। एसपी डॉक्टर अमृता दुहान ने बताया कि हमने बालिका के परिजनों से बात की तो वो ये नहीं बता पाए कि उसके साथ यह घटना कब और कैसे हुई? पुलिस ने इस घटना के बारे में पता लगाने के लिए महिला पुलिसकर्मियों को सिविल ड्रेस में ही सूचना एकत्र करने के लिए गांव में भेजा। पुलिस ने कुछ सूचनाएं एकत्र की। जिसके बाद कोर्ट में 164 के बयानों में बालिका ने एक परिचित नाबालिग पर संदेह जताया। पुलिस ने साक्ष्य जुटाकर 4 फरवरी को नाबालिग को दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत डिटेन कर लिया। परिचित होने की वजह से उसका घर आना जाना था। डीएनए टेस्ट में हुआ खुलासा पुलिस ने बताया कि नवजात और बालिका का डीएनए टेस्ट करवाने के बाद दस अन्य लोगों के सैंपल लेकर डीएनए टेस्ट करवाए। इसमें दोषी नाबालिग भी शामिल था। शुरुआत के किसी भी डीएनए की रिपोर्ट मैच नहीं हुई। इस दौरान नाबालिग युवक के 16 वर्षीय छोटे भाई का डीएनए सैंपल भी लिया गया। 2 मार्च को आई रिपोर्ट में उसकी डीएनए रिपोर्ट बालिका के बच्चे की डीएनए रिपोर्ट से मैच हो गई। पुलिस इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि दोनों भाइयों ने अलग-अलग समय में बालिका के साथ दुष्कर्म किया था। इस दौरान बालिका गर्भवती हो गई। इस पर 22 मार्च को कोतवाली पुलिस ने 16 वर्षीय बाल अपचारी को भी पॉक्सो एक्ट के तहत हिरासत में लेकर बाल सुधार गृह भेज दिया।