कवर्धा कांड के खिलाफ बजरंग दल और विहिप का मंगलवार को प्रदर्शन, न्यायिक जांच व अन्य मांगों को लेकर उठाएगी आवाज

कवर्धा कांड के खिलाफ बजरंग दल और विहिप का मंगलवार को प्रदर्शन, न्यायिक जांच व अन्य मांगों को लेकर उठाएगी आवाज
'- किसान खुश कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार क्यों : पूछ रहा है महाफैडरेशन दक्षिणापथ, रायपुर । छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश पाल ने सरकार को आड़े हाथों लेकर तीखे सवाल पूछते हुए कहा कि , सरकार क्या केवल किसानों की है, क्या शिक्षकों व कर्मचारियों का सरकार पर कोई हक नहीं है, क्या सरकार इनको सौतेला मानती है। क्या कारण है कि सरकार के चार वर्ष पूरा होने जा रहा है मगर आज भी शिक्षकों व कर्मचारियों की स्थिति बद से बद्तर हो चली है एक तरफ महंगाई आसमान छू रहा है पेट्रोल व किचन का ईंधन भी मंहगी हो गई है मगर सरकारी कर्मचारियों के हक और अधिकार का पैसा जो उन्हे महंगाई भत्ते के रूप में मिलता है वह भी नहीं मिल रहा। महाफैडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पाल ने अपनी वही चिर-परिचित अंदाज में बड़ी निडरता और बेबाकी से शासन प्रशासन से प्रश्न करते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया। राजेश पाल ने स्पष्ट कहा कि सरकार से कई मंच पर कई दफे महंगाई भत्ते, सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति , सातवें वेतनमान के अनुरुप गृहभाडा भत्ता जैसे अन्य कर्मचारी हितों के पक्ष में मांग करती रही है मगर सरकार है कि केवल किसानों के ऊपर ही सरकारी खजाने को लुटा रही है। इससे शिक्षकों व कर्मचारियों के भावनाओं को बडा ठेस पहुंचने के साथ ही साथ उनका आर्थिक रुप से हजारों रुपए का नुकसान हो रहा है। जिससे शिक्षकों व कर्मचारियों में बडा आक्रोश पनप रहा है । प्रदेश अध्यक्ष राजेश ने स्पष्ट रूप से शासन प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि यही रवैया चलता रहा तो यह आक्रोश चिंगारी में बदलते देर नहीं लगेगी और समुचे प्रदेश में सरकार के खिलाफ छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरशन संगठन अन्य कर्मचारी संगठनों के साथ मिलकर सड़कों पर उतरकर सरकार के खिलाफ आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएगी जिसके नुकसान की पुरी पुरी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।‌ हाल ही में सरकार के सम्मान समारोह पर महाफैडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश पाल ने किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से इंकार करते हुए कहा कि यह संबंधित संगठन का आंतरिक नीति रीति का मामला है कि वह सरकार के साथ कैसे पेश आती है यह संबंधित संगठन का आंतरिक मामला है जिसपर महाफैडरेशन किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं करेगा मगर प्रदेश के 1 लाख 90 हजार शिक्षक एल बी संवर्ग को यह मेसेज दिया है कि सरकार से अपने हक और अधिकार की लडाई में आप सभी संगठन के बंधनों से मुक्त होकर छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरशन के इस इंकलाब में उसका साथ देने को तत्पर रहे। क्योंकि जो भी सरकारें आज तक हमें जो भी दी है वह हम सभी के एकता और संगठित होकर लडने से दी है। महाफैडरेशन के अध्यक्ष ने प्रदेश के एसे सभी सहायक शिक्षकों व शिक्षकों , व्याख्याता एल बी जो वाकई न्याय और अधिकार चाहते हैं वे छत्तीसगढ़ शिक्षक महाफैडरशन के साथ मिलकर प्रत्येक ब्लाक , जिला में शासन प्रशासन के खिलाफ अपना आक्रोश जताने के लिए महाफैडरेशन के बैनर का उपयोग प्रदेश अध्यक्ष से टेलीफोनिक बात करके अधिकृत होकर संगठन के लेटर हेड का उपयोग करते हुए ज्ञापन सौंपे प्रदेश की राजधानी में हम दबाव बनाएंगे। परिणाम निश्चित रूप से सकारात्मक प्राप्त होगा। “लड़ेंगे तो ही जीतेंगे,जमीर का सौदा हरगिज नहीं करेंगे” के नारे के साथ सभी नौजवान शिक्षकों को अपने हक और अधिकार की लडाई में बढ़-चढ़कर साथ देने की अपील की है।