कमजोरी के साथ खुले बाजार, सेंसेक्स 29,990 और निफ्टी 8780 के स्तर पर

कमजोरी के साथ खुले बाजार, सेंसेक्स 29,990 और निफ्टी 8780 के स्तर पर
दक्षिणापथ, देवकर ( रमेश जैन ) । नगर मे लगातार बढ़ती कोरोना पाजिटिव मरीजों की संख्या से पुरे नगर मे शासन प्रशासन द्वारा लाकडाऊन की घोषणा कर दी है आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठान दिन भर के बंद रहते है पर शासन द्वारा संचालित शराब दुकान खुली रहती है तो क्या?कोरोना महामारी बीमारी सिफॆ निजी प्रतिष्ठानों पर आयेगी शासन प्रशासन ने कोरोना वायरस को बीमारी को शराब दुकान पर आने के लिये मना किया हुआ है ऐ कैसा लाकडाऊन है ऐ कैसा कानून शासन प्रशासन की है जिसको आम जनता समझ नहीं पा रही है। अगर शासन प्रशासन को लाकडाऊन करना है तो पूणे रूप से करे सरकार की दुकानें खुला और व्यापारियों की व्यवसायिक केंद्र बंद ऐ कैसा फैसला है आज नगर कोरोना की मार से आम जनता नगर की वाडॆ वासीयों पर गहरा असर हो रहा है नगर की आम जनता के साथ साथ नगर की पुलिस प्रशासन, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, के कमॆचारीयो पर भी कोरोना की मार पड़ चुकी है और धिरे धिरे कर यह महामारी नगर मे अपना पैर पसार रही है इधर करीबन नव माह से को मध्यमवर्गीय परिवार, छोटे व्यवसायिक लोग आर्धिक स्थिति के मार झेल रहे उनकी आर्थिक अथॆ व्यवस्था पुरी तरह ध्वस्त हो चूका है घर परिवार चलाना मुश्किल हो गया है एक एक पैसा के लिये संधषॆ कर रहे ,पर शासन के पास उनके लिये कोई योजना राहत राशी मुआवजा नही है। आज पुरा व्यवसाय जगत रोड़ पर आ गई है क्या करे क्या न करे समझ नहीं आ रहा है घर परिवार चलाना, कठिन दौर से गुजर रहा है लोग बहूत ही ज्यादा मानसिक रूप ,एवं आर्थिक रूप से तनावपूर्ण मे है लोगों को समझ नहीं आ रहा है की करे तो करे क्या इधर, कोरोना की डर एक ओर आर्थिक दशा कमजोर,सब कुछ मानो ठहर चूका है जीवन शैली पुरी तरह अस्त व्यस्त हो चूका है लोगों का परिवार से समाज से गांव और शहरों से सम्पकॆ भी कटता जा रहा है घर अन्दर रहकर कर लोग चिड़चिड़ा हो गये है सिमित दायरे मे रहना अब लोगों के लिये मुश्किल होता जा रहा है अब लोगों की जेहन मे एक ही बात आ रही है मुश्किल ऐसे भी है मुश्किल वैसे भी है तो फिर अब कोरोना से डरना नही अब लड़ना है काम धंधा की तलाश और अपने व्यवसाय चालू करने की मंथन कर रहे है । सरकार की अपनी आय तो चालू है पर व्यापारियों की आय का जरिये मानो छिन चुकी है जिसका भरपाई करना दुर दुर तक नजर नहीं आ रहा है दाम्पत्य जीवन में कलह और विवाद की स्थिति उत्पन्न हो चूकी है जिससे आपसी रिश्तों में खटास आ रहा है कोरोना काल लोगों के जीवन मे जहर घोल कर मानो काल बन गया है हालकिं सरकार अपने तरफ से भरपुर सहयोग कर रही है पर मध्यमवर्गीय परिवार और छोटे रोजगार वाले पर मानो कहर टूट पड़ा है इन लोगों के लिये कोई योजना शासन प्रशासन के पास हो अति शीघ्र आरंभ करने जरूरत है वरणा सब कुछ बिखर जायेगा आज कोरोना ने सभी वगॆ के लोगों को चाहे वह अमीर हो चाहे गरीब सभी को घर के अन्दर रहने को मजबूर कर दिया है हर वगॆ के लोगो की जीवन शैली जीने की तरीका बदल चुका है।