दक्षिणापथ, दुर्ग। नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की अप्रत्याशित सफलता ने विपक्षियों को चारों खाने चित्त कर दिया है। दुर्ग जिले के तीनों नगर निगम में कांग्रेस का परचम लहराने का पूरा श्रेय राजनीतिक पंडित मुख्यमंत्री भुपेश बघेल को दे रहे है। चुनाव परिणामो पर बारीकी से नजर डाली जाए, तो अहसास होता है कि चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जो रोड शो किया, कांग्रेस की अभूतपूर्व सफलता में वह सबसे बड़ा फैक्टर साबित हुआ। यहां तक गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के विधानसभा क्षेत्र को छूने वाले नवोदित रिसाली नगर निगम में भी मुख्यमंत्री के आम जनप्रचार ने कांग्रेस को ठोस जमीन मुहैया कराई।
यूं तो पूरे राज्य में कांग्रेस ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया है, मगर मुख्यमंत्री का गृहजिला होने के नाते दुर्ग जिले के तीनों बड़े नगर निगमों का परिणाम कांग्रेस को ऐसी अंदरूनी मजबूती दी है, जो दो साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव की तस्वीर भी दिखाता है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की लोककल्याणकारी नीतियों पर शहरी मतदाताओं ने स्वीकृति की मुहर लगाई है। दुर्ग जिला छत्तीसगढ़ राज्य का ऐसा एकमात्र जिला है, जहां चार-चार नगर निगम अस्तित्व में है। चारो निगमो में अब कांग्रेस के महापौर होंगे। भूपेश सरकार के लिए बेशक यह बड़ी उपलब्धि है। चुनाव परिणामो ने साबित कर दिया है कि मुख्यमंत्री बघेल सिर्फ गांवों के किसान, मजदूर व गरीबो के हमदर्द ही नही है, बल्कि वे शहरी मतदाताओं के भी बड़े करीब हैं। भूपेश बघेल के कुशल प्रशासन व बेहतर चुनाव प्रबंधन ने बतला दिया है बड़ी तेजी से मुख्यमंत्री बघेल आखिर क्यों राष्ट्रीय स्तर के नेता की छबि प्राप्त कर रहे हैं।
सम्भव है कई सियासी विश्लेषको के लिए यह अनअपेक्षित चुनाव परिणाम हो, लेकिन ग्रास रुट पर मेहनत करने वाला कार्यकर्ता यह भली-भांति जानता था कि राज्य सरकार के जनोन्मुखी कामकाज, चुनाव जीतने योग्य प्रत्याशियों के चयन और तीन महीने पहले से ही चुनावी कार्यक्रम की आंतरिक शुरुआत कर देने का यह नतीजा है। भूपेश सरकार की नीतियों व निर्णयों से आमजन खुश है, लिहाजा कांग्रेस को एकतरफा सफलता मिला। दूसरी ओर भाजपा को भूपेश राज में ऐसा कोई मौका भी नही मिल पा रहा है, जिसे लेकर वह आमजनों के बीच शिद्दत से जा सके। तीन सालों में कांग्रेस जहां लगातार मजबूत होते गई है, वही भाजपा स्वाभविक रूप से कमजोर होते गई है।
भुपेश बघेल की छत्तीसगढ़िया शैली आमजनों को भा गई। यहां तक भिलाई जैसे शहर में अन्य प्रदेशों के लोग भी बड़ी संख्या में निवास करते हैं, कहना गलत न होगा कि भूपेश सरकार के राज में वे भी कांग्रेस के साथ हो गए। दरअसल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समाज के हर तबके को गहराई से साधा है। भूपेश सरकार के अब तक के सारे फैसले व्यापक जनहितों को लक्ष्य कर लिए गये। लम्बी राजनीतिक अनुभव के चलते मुख्यमंत्री से कही कोई चूक नही हुई। छत्तीसगढ़ में सोशल इंजीनियरिंग के धुरंधर सूत्रधार बनने में वे सफल हुए। विरोधी भी समझ गए है कि यह कारवाँ निश्चित रूप से ऐसा ही चलता रहेगा, और आगत विधानसभा चुनाव में भी बदलाव की बयार कोसो दूर है।