लोकमंजरी का संघर्ष और समर्पण मार्गदर्शक जैसा :कविता

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RO.NO. 12945/82

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-कविता वासनिक को प्रथम मंजरी सम्मान 2023
-लोकमंजरी का 31वां स्थापना दिवस समारोह
भिलाई । छत्तीसगढ़ की संस्कृति संस्था लोकमंजरी का 31 वां स्थापना दिवस मनाया गया। मुख्य अतिथि साहित्यकार इन्दुशंकर मनु थे। इस अवसर पर आंचल की सुविख्यात लोक गायिका कविता वासनिक को प्रथम मंजरी सम्मान 2023 दिया गया। सम्मान अर्जित करने के पश्चात उन्होंने कहा कि किसी भी सांस्कृतिक संस्था का 31 साल तक जीवित रहना कोई सहज कार्य नहीं है। लोकमंजरी का संघर्ष एवं समर्पण दूसरे सांस्कृतिक संस्थाओं के लिए मार्गदर्शक जैसा है। इससे कलाकारों की तपस्या और समर्पण का भाव पता चलता है। उन्होंने इस अवसर पर धनी बिना जग लागे सुन्ना रे .. गीत की प्रस्तुति भी दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मनु ने लोकमंजरी संस्था की शुरुआत से 31 वर्ष की यात्रा को रेखांकित करते हुए आगामी दिनों में उत्तरोत्तर विकास की कामना की। संस्था के संस्थापक सदस्य टिकेश्वरी देशमुख ने लोक कला की धरोहर को सुव्यवस्थित और मजबूती प्रदान करने की दिशा में 11 सदस्य निदेशक मंडल की घोषणा की। आयोजकीय वक्तव्य देते हुए संयोजक पुन्नू यादव ने संस्थान के उत्तरोत्तर विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि संस्था नए-पुराने कलाकारों की परस्पर सहभागिता और अपनी कलाकारों की संस्था के रूप में नित नयेआयाम छू रही है जिनमें संग्रहालय, लोककला अकादमी की स्थापना, लोकनाट्य देवारी के सतत मंचन एवं छत्तीसलोक पत्रिका का पुन:प्रकाशन प्रमुख है। कार्यक्रम के दौरान लोकगायिका पुष्पलता नेताम, माधव कुशवाहा, नंदनी यदु, रामेश्वरी यादव, लक्ष्मी कंवर राकेश देशमुख, आर्यन अनन्त सुनीता यादव ,तरुण निषाद, कंचन, कौशल्या निषाद आदि ने गीत एवं नृत्य प्रस्तुत किया। संगीत पक्ष के कलाकार ओमप्रकाश साहू, सतीश सिंह, राजा जैन, दुर्वासा टंडन, ईकराज सिंह भामरा, जगतपाल, वीरेंद्र शर्मा, शिवा एवं दिनेश यादव ने सांगीतिक प्रस्तुति दी। स्वागत वक्तव्य संस्था अध्यक्ष तरुण निषाद, संचालन सहदेव देशमुख तथा आभार व्यक्त ऋ षि गजपाल ने किया। इस आयोजन में विशेष रूप से लोक गायिका रजनी रजक ,संस्था के कला निर्देशक चित्रकार हरी सेन, डॉक्टर सरिता साहू ,रूपा साहू, शैलेंद्र चंद्रवंशी, गौतम निर्मलकर, निर्मल देवदास, निशा कौर, अंजलि भगत, संतमणि कौशल, रिंकू ठाकुर, रंजीत साहू ,संतोष कश्यप, वेदमणि पटेल, अरुण वर्मा, शैलेंद्र शेण्डे शैली, नगीना यादव सुरेंद्र शर्मा, माधव माँझी के अलावा स्थानीय कलाकार एवं संगीत प्रेमी बड़ी संख्या में मौजूद थे।