दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय "आनंद सरोवर " बघेरा में जापान और फिलिपींस की निर्देशिका ब्रह्माकुमारी रजनी दीदी का आगमन हुआ । वे अल्प अवधि के लिए छत्तीसगढ़ प्रवास पर आए हुए है । उन्होंने आनंद सरोवर में उपस्थित भाई बहनों को जापान में ब्रह्माकुमारी संस्था की ईश्वरीय सेवाओं का अपना अनुभव सुनाते हुए बताया कि जापान में भारत के प्राचीन योग का अत्यंत ही महत्व है उनकी एक खास विशेषता है उन्हें योग सिखना हो तो भारतवासी से सीखना चाहते हैं और अंग्रेजी सीखना हो तो अंग्रेजों से सीखना चाहते हैं। जापानी भाई बहनों में ईमानदारी ,नम्रता और आदर का भाव बहुत ही देखने को मिलता है। वह जब किसी का अभिवादन करते हैं तो झुक कर ही मिलते हैं उनमें देश प्रेम की भावना हर एक में कूट-कूट कर भरी हुई है। द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात जब पूरा शहर तबाह हो गया था तब सभी 16-16 घंटे कार्य करते थे और कुछ समय के पश्चात जापान को पुनः पहले से अधिक ऊंचाइयों पर पहुंचा दिए।
वहां हमने देखा भौतिक सुख संसाधन प्रचुर मात्रा में है किंतु जीवन में आत्मिक शांति व खुशी का अभाव है । उनसे कोई व्यापार में ईमानदारी नहीं करते तो वह उनसे व्यापार ही नहीं करते उनके संविधान में यह बात है कि धर्म का प्रचार नहीं करना है इसलिए वहां ईश्वरीय ज्ञान को देने के लिए मेडिटेशन कैफे बने हुए हैं वहां हम ईश्वरीय ज्ञान को उनसे बात करते हुए बताते हैं। उनको राजयोग मेडिटेशन पूरी तरह सीखने में 7-8 माह लग जाता है क्योंकि हम जो बात करते हैंउसके अनुभूति होने पर ही वे उसे स्वीकार करते हैं । उन्होंने बताया 1954 में जब जापान में सर्वधर्म सम्मेलन में ब्रह्माकुमारी संस्था को आमंत्रित किया गया था तो ब्रह्माकुमारी संस्था की पूर्व प्रशासिका दादी प्रकाशमणि व वर्तमान प्रशासिका दादी रतन मोहिनी और साथ में आनंद किशोर भाई शांति के संदेश देने गए थे । वहां विपरीत परिस्थितियों में रहते हुए भी भोजन के शुद्धता का पूरा ध्यान रखा यह हमने बड़ों से सीखा ।
इस कार्यक्रम में इंदौर जोन की क्षेत्रीय में निर्देशिका ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी और माउंट आबू से ब्रह्माकुमारी संगीता बहन ने अपने अनुभव सुनाये । इस अवसर पर चतुर्भुज राठी (अमर बिल्डर) अविराज चावला (वाइस चेयरपर्सन सेमटेक यूनिवर्सिटी भोपाल ) ठाकुर जी ज्वाइन डायरेक्टर जिला शिक्षा विभाग दुर्ग के अलावा ब्रह्माकुमारीज दुर्ग बालोद, गुण्डरदेही, साजा, देवकर, धमधा के भाई बहने उपस्थित हुए । ब्रह्माकुमारी दुर्ग की संचालिका रीटा बहन ने सभी आए हुए अतिथियों का स्वागत किया। स्वागत नृत्य कुमारी चंद्राणी, युक्ति जागृति, लीना और चयन और विवेक भाई ने किया । मंच संचालन ब्रह्माकुमारी रुपाली बहन ने किया ।