विधायक ललित चंद्राकर ने सिद्ध शक्ति पीठ तारादेवी का दर्शन कर आशिर्वाद प्राप्त किया

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RO No.12784/129

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- सिद्ध शक्ति  पीठ मां तारादेवी का दर्शन कर प्रदेश की सुख समृद्धि व खुशहाली की कामना की
दुर्ग। झारखंड प्रवास के दौरान आज  कुछ समय निकाल कर पश्चिम बंगाल के बीरभूमि ज़िले में स्थित प्रसिद्ध श्री शक्तिपीठ, तारापीठ माता तारा जी के मंदिर पहुँचकर शक्ति स्वरूपा देवी माँ के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। माँ से देश-प्रदेश व क्षेत्र में सुख, समृद्धि व खुशहाली की मंगलकामना की।
इस अवसर पर विधायक ललित चंद्राकर ने बताया कि पौराणिक मान्यताएं अनुसार 51 शक्तिपीठों में से 5 शक्तिपीठ पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में स्थित हैं। ये बकुरेश्वर, नालहाटी, बन्दीकेश्वरी, फुलोरा देवी और तारापीठ के नाम से विख्यात है। इनमें तारापीठ सबसे प्रमुख धार्मिक स्थल और सिद्धपीठ माना जाता हैं। पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिला में रामपुरहाट से 8 किलोमीटर की दूरी पर द्वारका नदी के तट पर मां तारा का प्रसिद्ध सिद्धपीठ स्थित है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस महातीर्थ में माता सती के दाहिनी आंख की पुतली का तारा गिरा था। इसलिए इस धार्मिक स्थल को नयन तारा भी कहा जाता हैं और इसी को लेकर मंदिर का नाम तारापीठ पड़ा। इसी नाम पर इस स्थान को तारापीठ कहा जाने लगा।


शारदीय नवरात्र में नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्र पर्व में श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां माता के दर्शनों के लिए आते हैं। नवरात्रि में अष्टमी के दिन यहां मां तारा की तीन बार आरती होती है । जबकि पूरे साल दो बार आरती की जाती है. विजया दशमी के दो दिन बाद त्रयोदशी के दिन मां तारा को गर्भ गृह से बाहर मंदिर परिसर में लाकर उनकी पूजा की जाती हैं। इस मंदिर को लेकर यह भी मान्यता है कि मां तारा की आराधना से लोगों को हर बीमारी से मुक्ति मिलती है। इस अवसर पर प्रमुख रूप से महेन्द्र कुमार चोपड़ा, मोनू चौधरी, राहुल देवांगन , रामदयाल रंगडहाले प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।