स्वामीनाथन आयोग की अनुसंशा के आधार पर कृषि उपजों का एमएसपी और इसकी कानूनी गारंटी पर 28 फरवरी को ननकठी में किसान संसद

स्वामीनाथन आयोग की अनुसंशा के आधार पर कृषि उपजों का एमएसपी और इसकी कानूनी गारंटी पर 28 फरवरी को ननकठी में किसान संसद
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दुर्ग। महेश गौशाला ननकठी में संपन्न छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन की बैठक में बुधवार 28 फरवरी को ननकठी में आयोजित किसान संसद की तैयारी पर चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि किसान संसद में स्वामीनाथन आयोग की अनुसंशा के अनुसार सी 2 लागत मूल्य में 50% लाभ जोड़कर कृषि उपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित करने का चुनावी वायदा पूरा करने और इसकी कानूनी गारंटी बनाने सहित केंद्र से संबंधित कृषि और कृषक कानून, नियम, नीति, योजना और कार्यक्रम पर चर्चा होगी।
किसानों की संसद में फसल बीमा योजना, किसान सम्मान निधि, किसान आयोग, आयात निर्यात, किसान पेंशन, मनरेगा को कृषि कार्य से जोड़ने आदि मुद्दों पर चर्चा करके अहम निर्णय लिया जाएगा और किसान संसद में पारित प्रस्तावों और निर्णय से राजनीतिक दलों को अवगत कराया जाएगा ताकि इन्हें चुनाव घोषणापत्र में शामिल किया जा सके, लोकसभा चुनाव में किसानों के हितों को अहमियत देने वाले राजनीतिक दल को चुनावी लाभ मिलेगा।

किसानों से भेदभाव नहीं करके "सबका विकास सबका विश्वास" मोदी की गारंटी को पूरा करे राज्य सरकार..

छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन की ननकठी बैठक में न्याय योजना की अंतिम किश्त अभी तक नहीं देने पर राज्य सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा गया कि भाजपा ने धान का 3100/- प्रति क्विंटल के भाव से एकमुश्त भुगतान करने का वायदा किया था जो 2 माह में भी पूरा नहीं कर सके। राज्य सरकार को मोदी की गारंटी " सबका विकास सबका विश्वास" का स्मरण कराते हुए कहा गया है कि राज्य सरकार की कृषक उन्नति योजना सिर्फ सरकार को धान बेचने वाले किसानों के लिए है या अन्य किसानों को भी योजना का लाभ मिलेगा इस पर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इस योजना में सरकार को धान बेचने वाले किसानों को प्रति एकड़ 19 हजार रुपए का लाभ मिलेगा। छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन ने राज्य सरकार को आगाह किया है कि अन्य किसानों को भी योजना में शामिल करके 19 हजार रुपए प्रति एकड़ की आदान राशि देने की घोषणा विधानसभा में करे सरकार यदि राज्य सरकार सभी किसानों से बिना भेदभाव के समान व्यवहार नहीं करती है तब किसान राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर हो सकते हैं।
किसान संगठन की बैठक में महेश ताम्रकार, भोला पटेल, संजय ताम्रकार, सुरेश कश्यप, राजेन्द्र साहू, ओमप्रकाश साहू, लेखचंद साहू,मनोज मिश्रा,पुकेश्वर साहू, उत्तम चंद्राकर, बाबूलाल साहू,संतुलाल पटेल, हुकूम सिंह दिल्लीवार, रूपेंद्र दिल्लीवार, राजकुमार गुप्त आदि शामिल थे।