देश-विदेश के चर्मरोग विशेषज्ञों के सम्मेलन में शामिल हुए डॉ. दीक्षित

देश-विदेश के चर्मरोग विशेषज्ञों के सम्मेलन में शामिल हुए डॉ. दीक्षित

-अनचाहे बालों से छुटकारा पाने लेजर पद्धति को बताया प्रभावी उपाय
दुर्ग। महाराष्ट्र के नासिक में देश व विदेश से चर्मरोग विशेषज्ञ डॉक्टर्स जुटे। एलएडीवीएल महाराष्ट्र अकादमी द्वारा डर्मजोन व क्यूटिका नामक चर्मरोग विषय पर आयोजित सम्मेलन में डॉक्टर्स ने अपनी राय दी।सम्मेलन में दुर्ग-भिलाई के प्रसिद्ध चर्मरोग विशेषज्ञ डॉ आलोक दीक्षित विशेष अतिथि के रुप में शामिल हुए। उन्होने सम्मेलन में लेजर थैरेपी पर अपना व्याख्यान दिया। डॉ. दीक्षित ने अनचाहे बालों सें निजात पाने के लिए लेजर पद्धति व नए उपकरणों के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि नए आविष्कारों से लेजर द्वारा अनचाहे बालों से पूरी तरह निजात पाया जा सकता है। आधुनिक पद्धति से यह लक्ष्य आसानी से प्राप्त हो जाता है। उन्होने कहा कि स्त्रियों के शरीर में अत्यधिक बाल व पुरुषों में कम बाल होना दोनों ही चिंता का विषय हैं । यह समस्या अक्सर ही मानसिक तनाव उत्पन्न करती है ।बहुत सी लड़कियो को इस समस्या की वजह से शर्मिंदगी महसूस करनी पड़ती है। विवाह में भी बाधा आती है । अनचाहे बालों से छुटकारा पाने के लिए प्रचलित तरीक़े  जैसे वैक्सिंग , ट्वीटिंग , थ्रेडिंग, शेविंग यह बहुत तकलीफ़दायक होती हैं।  बहुत कम समय के लिए असरदार हैं व चमड़ी पर नुक़सान भी करते हैं। लेजऱ का आविष्कार कई वर्षों पहले हुआ है। यह मोनोक्रोमैटिक लाइट की किरणे होती हैं।  जिनसे बाल की जड़ो को हमेशा के लिए ख़त्म किया जाता है।शुरुआत में उपयोग में आने वाली लेजऱ मशीने धीमी थी  व थोड़ी दर्द भी देती थीं । आधुनिक पद्दति से यह कार्य बहुत तेज़ी से हो जाता है  व दर्द भी नहीं होता । यदि अंदरूनी बीमारी ना हो और मरीज़ उचित समय से लेजऱ करवाए तो इस उपचार में 6-8 सिटिंग लगती है ।