कुर्मी कुलदेवी राजमाता जीजाबाई के पुण्यतिथि पर विधायक ललित चंद्राकर ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया..

कुर्मी कुलदेवी राजमाता जीजाबाई के पुण्यतिथि पर विधायक ललित चंद्राकर ने श्रद्धा सुमन अर्पित किया..
RO No.12784/129

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दुर्ग। बुधवार को शंकर नगर दुर्ग में सर्व कुर्मी समाज  द्वारा कुर्मी कुलदेवी राजमाता जीजाबाई के पुण्यतिथि मनाई गई । दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर  व समाज जनो  ने अपने संस्कारों से शिवाजी महाराज को समाज संरक्षक एवं राष्ट्र गौरव बनाने वाली प्रेरक मातृत्व एवं साहस की प्रतिमूर्ति राजमाता जीजाबाई की पुण्य तिथि पर सादर प्रणाम कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया और उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद किया।
दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर ने राज माता जीजाबाई के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमारे  कुर्मी समाज की कुल देवी राज माता जीजाबाई का सारा जीवन साहस और त्याग से परिपूर्ण रहा। 
मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी राजे भोसले की माता जीजाबाई का जन्म सिंदखेड़ नामक गाँव  महाराष्ट्र के विदर्भ प्रांत में हुआ। उनके पिता का नाम लखुजी जाधव तथा माता का नाम महालसाबाई था। वीर माता जीजाबाई छत्रपति शिवाजी की माता होने के साथ-साथ उनकी मित्र, मार्गदर्शक और प्रेरणास्त्रोत भी थीं। उनका सारा जीवन साहस और त्याग से भरा हुआ था। उन्होने जीवन भर कठिनाइयों और विपरीत परिस्थितियों को झेलते हुए भी धैर्य नहीं खोया और अपने पुत्र शिवा’ को वे संस्कार दिए, जिनके कारण वह आगे चलकर हिंदू समाज का संरक्षक छात्रपति शिवाजी महाराज’ बना। जीजाबाई यादव उच्चकुल में उत्पन्न असाधारण प्रतिभाशाली थी। जीजाबाई यादव वंश की थी और उनके पिता एक शक्तिशाली सामन्त थे। शिवाजी महाराज के चरित्र पर माता-पिता का बहुत प्रभाव पड़ा। बचपन से ही वे उस युग के वातावरण और घटनाओँ को भली प्रकार समझने लगे थे।
शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक के 12 दिन बाद 17 जून 1674 के दिन रायगढ़ के पचड़ गांव में जीजा माता ने अंतिम सांस ली। ऐसा लग रहा था कि मानों मौत भी छत्रपति शिवाजी के राज्याभिषेक की प्रतीक्षा कर रहा हो। उनकी मृत्यु शिवाजी के लिए तो अपूरणीय क्षति ही थी। मराठों को भी इसका गहरा आघात लगा था। क्योंकि जीजामाता जनता का बहुत ध्यान रखती थीं।
त्याग तपस्या की प्रतिमूर्ति राज माता जीजाबाई की पुण्य स्मृति पर श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।
 अध्यक्ष मिथलेश चंद्राकर ने बताया राज माता जीजाबाई हमारे कुर्मी कुलदेवी है हमारे समाज के लिए गौरव की बात है। सनातन कुल गौरव, कुशल प्रशासक, महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज जी जैसे योध्या की जननी राजमाता जीजाबाई जी है। आज उनके पुण्यतिथि पर उन्हें शत-शत नमन। आने वाले दिनों में कुर्मी समाज बड़े स्तर आयोजन होगा।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से पूर्व महापौर आर एन वर्मा, शिव चंद्राकर, राजू लाल चंद्राकर, मिथलेश चंद्राकर, राजेन्द्र नायक, शेखर चंद्राकर, सतीश चंद्राकर, अनंत राम चंद्राकर,भरत चंद्राकर, अमन चंद्राकर, शरद चंद्राकर, लक्की वर्मा, धनंजय वर्मा, घरम वर्मा, कन्हैया चंद्राकर, राम भगवान चंद्राकर, दयाराम चंद्राकर, अरुण चंद्राकर व समाज गंगा के लोग उपस्थित रहे।