शराबियों की सुविधा व सुरक्षा महत्वपूर्ण, अहातों पर रखा जाए ख्याल

शराबियों की सुविधा व सुरक्षा महत्वपूर्ण, अहातों पर रखा जाए ख्याल
RO No.12784/129

RO No.12784/129

RO No.12784/129

दुर्ग। छत्तीसगढ़ की साय सरकार को शराब अहाता के जरिए साढ़े 103 करोड़ राजस्व मिला है। छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड ने राज्य के विभिन्न जिलों में 537 अहातों के लिए ऑनलाइन टेंडर मगाये गए। अहातों की नीलामी से सरकार को 103 करोड़, 54 लाख, 17 हजार 300 रुपए राजस्व मिला । आमजन चाहते हैं कि शराब के अहाते लूट का अड्डा न बने। शराब पीने वालों को भी  इतना सुविधा मिले कि वे ढंग से पी सके। अपराध पर भी लगाम लगे और शराब दुकानों के इर्दगिर्द का माहौल भी ठीक रहे। शराब दुकान आम बसावट से दूर रहे। लोगो को कोई परेशानी न हो। 

अभी शराब दुकानों के आसपास स्थित छोटे बड़े दुकानों में चखना, डिस्पोजेबल, गिलास और पानी पाउच कहीं भी मिल जाता है, अहाता नीति लागू होने का बाद उन्हें बंद कराया जाएगा। 
देश भर में छत्तीसगढ़ राज्य सबसे ज्यादा शराब पीता है। यहां 42% शराब की खपत है। दूसरा स्थान त्रिपुरा का है।छत्तीसगढ़ में  जब इतनी अधिक मात्रा में जनता शराब पी रही है, तो उनके सुविधाओ का भी सरकार को ख्याल रखना लाज़िम है। प्रदेश भर में जहां जहां शराब दुकान है,  अधिकृत अहाता नही होने के उसके आसपास सैकड़ों अहाता खुल गए। लोग जहां असुरक्षित ढंग से शराब पीते हैं। जानकारों के मुताबिक अहाता जो खोले जा रहे है, उसमे भी सरकार की मंशा शराबियों को सुविधा देना नही, बल्कि मुनाफा कमाना है। इन अहातो में मनमाने किमतो पर समान बेचे जाते हैं। इन अहातों का संचालन करने वाले लोग रंगदार किस्म के लोग होते है, जो कानून को ज्यादा नहीं मानते, और विरोध करने पर हिंसा करते हैं। 
आप जानते है, अहातों का संचालन पहले भी किया जा चुका है। पर वे संतोषजनक नहीं रहे। पीयक्कड़ो की बड़ी आबादी को देखते हुए, सरकार का सीधा नियंत्रण जरूरी जान पड़ता है। जैसे शराब दुकानों में काम करने के लिए एजेंसियो के जरिए भर्ती किया गया है, अहातो में भी ऐसे लोग रखे जाए। 
देखा गया है कि छोटी छोटी बात में हत्या व अन्य अपराध शराब दुकानों के आसपास ज्यादा होता है। इसलिए बेवड़ो की सुरक्षा भी सरकार के लिए  महत्वपूर्ण होना चाहिए हैं।