सांकरा और रानीगांव में जल जीवन मिशन योजना का बुरा हाल

सांकरा और रानीगांव में जल जीवन मिशन योजना का बुरा हाल
RO No.12784/129

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-ठेकेदार की लापरवाही से आम लोगों हो रही पानी की समस्या

नगरी। ग्राम रानीगांव में जल जीवन मिशन (जेजेएम) योजना का बुरा हाल है , यहां दो साल से पानी टंकी अधूरा पड़ा है जो  गुणवत्ताहीन बनने की वजह से पूर्ण होने के पहले ही जर्जर स्थिति में है। जिसे लेकर ग्रामीणों मे ठेकेदार के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश व अधिकारियों के कार्यशैली पर मिलीभगत की चर्चा भी व्याप्त है।
 ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से ठेकेदार पर कार्यवाही के साथ अधिकारियों के कार्य की जांच करा कर कार्यवाही की मांग की है। उल्लेखनीय है कि शासन प्रशासन द्वारा आम ग्रामीणों के विकास के लिये अलग अलग विभाग बना कर कार्य की रूपरेखा तैयार की जाती है ।और उन विकास कार्यों को गुणवत्तापूर्ण निर्माण और पूरी ईमानदारी से कार्य करने की जवाबदारी दी जाती है जहां विभाग के अधिकारी कर्मचारियों को उनके पद के हिसाब से मोटी रकम तनख्वाह के रूप मे दी जाती है । ताकि कार्य में लापरवाही न हो मगर अब अधिकतर विभागों  में निर्माण कार्य की गुणवत्ता सिर्फ फाईलों तक अटक कर रह जाती है । जहां अधिकारी व ठेकेदार के मिलीभगत से निर्माण कार्य समय से पहले ही जर्जर हो जाते है। जिससे शासन को लाखों करोड़ों का नुकसान का सामना करना पडता है। उससे ज्यादा आम ग्रामीणों को परेशानी होती है । ठीक ऐसा ही इन दिनों लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मे देखने को मिल रहा है। जहां हर घर नल ,हर घर जल  के तहत जल जीवन मिशन के योजना से निर्माण कार्य चल रहा है। जहां करोड़ों रूपये के लागत से गांव गांव मे पाईपलाईन व नये पानी टंकी का निर्माण कार्य किया जा रहा है । जो आज दो साल से कई जगह तो टंकी अधूरा पड़ा है तो कही पाईपलाईन में गड़बड़ी ,तो कहीं काम पूर्ण होने के बाद पानी की समस्या, ऐसा गाव गाव निरीक्षण करने पर आम ग्रामीणों की शिकायत है ग्रामीणों का स्पष्ट कहना है की अधिकारी को शिकायत करते है तो ठेकेदार का हवाला दे देता है की जल्द ही ठेकेदार से कार्य पूर्ण करवा रहे वही ठेकेदार को बोलो तो पेमेन्ट का हवाला देते है। ठीक ऐसा ही मामला ग्राम रानीगाव मे देखने को मिला जहां ग्रामीण गिरधारी साहू , माधव देवांगन , रामलाल ध्रुव, हिरसिग निषाद , ईश्वर निषाद , लोकेश्वर पाण्डे ने बताया की पाईपलाईन तो बिछ गया टंकी भी निर्माण हो गया जो अभी भी पूर्ण नही हुआ और टंकी उपयोग के पहले ही जर्जर हो गया । टंकी मे चढते ही पूरा सीढी हिलने लगता है नये टंकी भी जगह जगह घटिया निर्माण के चलते अलग से दिख रहा जहां पानी भरने के बाद भी उम्मीद नहीं कि यहां पानी रूक पायेगा ।टंकी की स्थिति ही बता रहा है की पानी भरते ही यहां सीपेज चालू हो जायेगा यहां निर्माण कार्य ठेकेदार और अधिकारियों के लापरवाही या मिलीभगत की भेंट चढ़ गया । ग्रामीणों के लिये यह मिशन सिर्फ शो पीस बनकर रह गया है।

वनांचल में जीजेएम बना सफेद हाथी                                             वहीं नगरी ब्लाक के टाइगर रिजर्व क्षेत्र विकासविहीन है । जहां बिजली नहीं ऐसे में पाईप लाईन का निर्माण तो ठेकेदार कर जो जो आधे अधूरा हो और टंकी निर्माण का कार्य क्रेडा विभाग कर रहा है । यहां क्रेडा द्वारा सोलर पेनल से पानी सप्लाई होना है। मगर क्रेडा विभाग के सुस्त कार्यशैली के चलते गांव में मटेरियल गिरा दिया गया। पानी टंकी खुले मैदान मे पड़ा है। निर्माण कार्य नहीं होने से ग्रामीणों की उम्मीद खत्म हो गई। बारिश भी जल्द लगने वाली है ऐसे मे वनांचल वासियों के लिये ये मिशन सिर्फ सफेद हाथी साबित हो रहा है।         
             
-बहुत से गांवों के गलियों का नही हुआ मरम्मत

     वही पाईप लाईन के लिये अधिकतर गांवों के सीसी सडको को ठेकेदार ने तोड़कर पाईप लाईन का विस्तार किया जहां ठेकेदार को टूटे हुए सी सी सड़क को फिर से निर्माण कर देना है। जिसका पैसा भी टेन्डर में शामिल है ।मगर पाईप लाईन निर्माण के दो साल गुजरने के बाद भी सडक का मरम्मत नहीं किया गया । जिससे बारिश होते है ग्रामीणों को परेशानी होगी जहां ठेकेदार ने निर्माण कार्य का राशि बचाकर शासन को चुना लगा रहा है जिसका भार फिर से शासन को उठाना पड़ेगा।          

 -ब्लाक का सबसे बडा गांव फिर भी पेयजल की समस्या
    वहीं नगरी ब्लाक का सबसे बडा ग्राम पंचायत सांकरा में दो साल से जनजीवन मिशन का कार्य चल रहा है जो अब तक पूर्ण नही हुआ। आज भी ग्रामीण नल जल योजना के तहत ही उपयोग कर रहे जहां हरिजन पारा में सुबह से पानी के लिये लाईन लग जाता है । टाईमिग के चलते कई बार तो ग्रामीणों को पानी भी नहीं मिल पाता। जल जीवन मिशन के लिये भी इस मोहल्ले मे अलग से पाईप लाईन का निर्माण नहीं किया गया। गली के गंदे पानी बहने वाली नाली मे ही पाईप लाईन लगा दिया गया शिकायत के बाद नाली में ही पाईप को ढक दिया गया है।

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग नगरी के एसडीओ एस के ठाकुर ने चर्चा में बताया कि रानीगांव में जांच किये है । सीढ़ी तोड़ने ठेकेदार को बोले है। पानी भरने के बाद ही टंकी का सिपेज पता चलेगा। सांकरा में इंजिनियर को बोल कर चेक करवाता हूं । टेस्टिंग पूरी होने पर सड़कों का मरम्मत किया जायेगा।