दुर्ग। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा जारी स्टेट प्लाॅन ऑफ एक्शन में दिए गए निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, दुर्ग के मार्गदर्शन में आज अंतर्राष्ट्रीय निःशक्तजन (दिव्यांगजन) दिवस के विशेष अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग द्वारा जिले के विभिन्न स्थानों पर अनेक जनजागरूकता शिविरों और कार्यक्रमों का सफल आयोजन किया गया।
प्रथम कार्यक्रम जिला एवं सत्र न्यायालय दुर्ग में अधिवक्ता दिवस एवं अंतर्राष्ट्रीय निःशक्तजन दिवस को संयुक्त रूप से मनाया गया। जहाँ नवीन सभागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा न्यायाधीशगण, अधिवक्ताओं एवं अभियोजन अधिकारियों की संयुक्त कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, दुर्ग ने की। इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ताओं का सम्मान किया गया तथा निःशक्तजनों के अधिकारों, उनकी समस्याओं और उन्हें प्रदत्त विधिक प्रावधानों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।
इसी क्रम में आयोजित द्वितीय कार्यक्रम में शासकीय तिलक उच्चतर माध्यमिक शाला दुर्ग में 7 मजिस्ट्रेट उपस्थित रहे। उनके द्वारा विद्यार्थियों को निःशक्तजन दिवस का महत्व, नशे के दुष्प्रभाव, संविधान में निहित अधिकार एवं कर्तव्य, चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर तथा गुड टच–बैड टच के महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूक किया गया। बच्चों ने न्यायाधीशगण से अनेक प्रश्न पूछे, जिनका उत्तर उन्होंने सरल और सहज भाषा में देकर विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया।
इसके साथ ही शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्था (आईटीआई) दुर्ग में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के LADCS के तीन अधिवक्ता उपस्थित रहे, जिन्होंने विद्यार्थियों को निःशक्तजन से संबंधित विधिक अधिकारों, नशामुक्ति और विभिन्न निःशुल्क विधिक सेवाओं की जानकारी दी। इसके अतिरिक्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के पैरालीगल वालेंटियर्स द्वारा भी विधिक जागरूकता शिविर आयोजित कर जनजागरूकता के प्रचार-प्रसार में अपना योगदान दिया। जिले में आयोजित उपरोक्त कार्यक्रम सामाजिक जागरूकता, संवेदनशीलता एवं विधिक साक्षरता की दिशा में सार्थक और प्रभावशाली साबित हुए।
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