होम / मध्यप्रदेश / सॉफ्टवेयर इंजीनियर के सुसाइड नोट से भूचाल, RSS पर लगाया बचपन से यौन शोषण का सनसनीखेज आरोप; कांग्रेस हमलावर
मध्यप्रदेश
तिरुवनंतपुरम। केरल के कोट्टायम निवासी 26 वर्षीय सॉफ्टवेयर इंजीनियर आनंदु अजी की आत्महत्या के मामले ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। तिरुवनंतपुरम के एक लॉज में मृत पाए गए आनंदु ने अपने सुसाइड नोट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े लोगों पर बचपन से लेकर बड़े होने तक लगातार यौन शोषण करने का भयावह आरोप लगाया है। इस खुलासे के बाद कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने RSS को घेरते हुए मामले की निष्पक्ष और उच्च-स्तरीय जांच की मांग की है।
आत्महत्या करने से पहले आनंदु अजी ने इंस्टाग्राम पर साझा किए अपने विस्तृत नोट में उस दर्दनाक पीड़ा का खुलासा किया, जिसे वह बचपन से झेल रहे थे। उन्होंने लिखा कि जब उनके माता-पिता ने उन्हें RSS की शाखा में भेजा, तो महज़ तीन साल की उम्र में संघ के एक सक्रिय सदस्य और पड़ोसी ने उनका यौन शोषण शुरू कर दिया। यह भयावह सिलसिला यहीं नहीं रुका, बल्कि RSS के आईटीसी (ITC) और ओटीसी (OTC) कैंपों में भी जारी रहा, जहाँ उनके साथ बार-बार दुर्व्यवहार किया गया और डंडों से पीटा भी गया।
आनंदु ने स्पष्ट किया कि उनकी मौत की वजह कोई रिश्ता नहीं, बल्कि यही बचपन का गहरा सदमा था, जिसके कारण वह ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) जैसी गंभीर मानसिक बीमारी से जूझ रहे थे। अपने अंतिम शब्दों में, उन्होंने लोगों को एक मार्मिक चेतावनी देते हुए लिखा, “RSS वालों से दोस्ती न करें… मेरे पास सबूत नहीं है लेकिन इस बात का सबूत मेरी जिंदगी ही है,” और यह कामना भी की कि “दुनिया का कोई बच्चा वैसा दर्द न सहे।”
मामले पर सियासत तेज, कांग्रेस ने RSS को घेरा
इस घटना के सामने आते ही यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने इन आरोपों को “भयावह” बताते हुए कहा कि “इन अत्यंत निंदनीय अपराधों के प्रति मौन का सिलसिला तोड़ा जाना चाहिए” और मामले की पूरी तरह से जांच की मांग की। इसी क्रम में, पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी RSS से जवाबदेही की मांग की, जबकि पार्टी ने आधिकारिक तौर पर दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का संकल्प लिया। वहीं, डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) ने भी इन आरोपों को गंभीर बताते हुए मामले की तत्काल जांच और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है, जिससे इस पूरे प्रकरण पर राजनीतिक दबाव और बढ़ गया है।
आनंदु अजी की मौत ने न केवल एक परिवार को तोड़ दिया है, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे बड़े संगठन की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राजनीतिक दबाव के बीच अब सभी की निगाहें पुलिस जांच पर टिकी हैं कि इस मामले में सच कब और कैसे सामने आता है।
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