-श्रावण सुदी 12 को प्रवर्तिनी वंदना कार्यक्रम का आयोजन
नगपुरा। श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ नगपुरा में चल रही चातुर्मास प्रवचन श्रृंखला के अंतर्गत साध्वी श्री लब्धियशाश्रीजी म.सा. ने अपने प्रभावशाली प्रवचन में कहा कि – “पाप करने के लिए कोई विशेष प्रयत्न नहीं करना पड़ता, लेकिन पाप से मुक्ति के लिए अवश्य प्रयत्न करना पड़ता है।” उन्होंने आगे कहा कि संसार के सभी धर्मों का मूल उद्देश्य एक ही है – पतन की ओर जा रहे जीव को संभालकर उसे सद्गति की ओर ले जाना। धर्म का नाम भले ही भिन्न हो, पर उसका सार एक है – आत्मा का कल्याण।
भगवान महावीर स्वामी का उद्धरण देते हुए उन्होंने कहा – “मोक्ष का इच्छुक जीव पापों से बचे, पाप से डरे और पाप से मुक्त होने का प्रयास करे।” पाप के परिणाम को जो जानता है, वह उससे दूर रहना चाहता है। यही धार्मिक जागरूकता का प्रमाण है।
इसी श्रृंखला में साध्वी श्री लक्ष्ययशा श्रीजी म.सा. ने कहा कि जीवन में सफलता पाने के लिए सात प्रमुख सोपान हैं –
1. समय का सदुपयोग
2. सकारात्मक सोच
3. सदैव हँसते रहना
4. दूसरों की प्रशंसा करना
5. दूसरों की बातें विनम्रता से सुनना
6. बिना शर्त प्रेम करना
7. बिना शर्त क्षमा करना
उन्होंने कहा कि – “आत्मा ही आत्मा की मित्र है और शरीर धर्म आराधना का साधन। अच्छे विचार ही अच्छे व्यवहार को जन्म देते हैं। जीवन की लम्बाई नहीं, उसकी गुणवत्ता मायने रखती है।”
प्रवर्तिनी वंदना कार्यक्रम..
श्रावण सुदी 12 (6 अगस्त 2025, मंगलवार) को तीर्थ की प्रेरणास्रोत, शासनसेविका, धर्म प्रचार की प्रखर साधिका, प्रवर्तिनी साध्वी रत्ना श्री वाचंयमा श्रीजी म.सा. (पूज्य बेन) के 88वें जन्मदिवस के अवसर पर “शासनरत्ना – प्रवर्तिनी वंदना” कार्यक्रम प्रातः आयोजित किया जाएगा।
पूज्य बेन म.सा. ने न केवल अनेक तीर्थों के जीर्णोद्धार, पुनरुत्थान व निर्माण में योगदान दिया है, बल्कि असंख्य श्रद्धालुओं के जीवन में धर्म की ज्योति प्रज्वलित की है। यह वंदना उनके अतुलनीय योगदान को श्रद्धासुमन अर्पित करने का अवसर होगा।
-स्थान – श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ, नगपुरा
-तिथि – 6 अगस्त 2025, मंगलवार (श्रावण सुदी 12)
-समय – प्रातः काल श्रद्धालुजन समय पर उपस्थित होकर पुण्य का भागी बनें।
संपादक- पवन देवांगन
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