रायपुर । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को प्रेस नोट जारी कर बताया है कि शराब घोटाले मामले पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र चैतन्य बघेल को 16.70 करोड़ रुपये की आपराधिक आय प्राप्त हुई थी, जिसे उन्होंने अपनी रियल एस्टेट कंपनियों के ज़रिए वैध दिखाने की कोशिश की एजेंसी का दावा है कि इस राशि का इस्तेमाल उन्होंने अपने प्रोजेक्ट्स के निर्माण में नकद भुगतान और बैंकिंग प्रविष्टियों के जरीये किया। जांच में यह भी सामने आया है कि चैतन्य ने कथित रूप से त्रिलोक सिंह ढिल्लों के साथ मिलकर वि_लपुरम प्रोजेक्ट में फ्लैट की फर्जी खरीद के ज़रिए 5 करोड़ रुपये की नकद राशि का गलत तरीके से लेनदेन किया। बैंक ट्रांजैक्शन ट्रेल से पता चलता है कि त्रिलोक सिंह ढिल्लों के खाते में इस घोटाले से जुड़े धन की आवक हुई थी।
ईडी ने चैतन्य बघेल पर घोटाले से संबंधित 1000 करोड़ रुपये से अधिक की आपराधिक आय को संभालने और उसे प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष को सौंपने में अहम भूमिका निभाने का भी आरोप लगाया है। रिपोर्ट के अनुसार, इस धनराशि का उपयोग राजनीतिक और व्यावसायिक निवेश में किया गया था।
बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में हुए बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को 18 जुलाई को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत गिरफ्तार किया और 22 जुलाई 2025 तक के लिए अदालत से रिमांड ले लिया है।
मामले में ईडी ने पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के अधिकारी अरुण पति त्रिपाठी, कारोबारी त्रिलोक सिंह ढिल्लों, विधायक कवासी लखमा और कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था।
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