-राजधानी के स्वामी आत्मानंद स्कूल सहित अन्य शालाओं में शिक्षक पिछले साल की पुस्तकों से पढ़ा रहे हैं
रायपुर। प्रदेश में पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा सही समय पर माध्यमिक शाला एवं हाई स्कूल में पुस्तकों का वितरण समय पर नहीं करने पर इस समय अध्ययन कार्य प्रभावित हो रहा है। प्रायमरी से लेकर माध्यमिक स्कूल के शिक्षक सर्वर डाउन होने के कारण पाठ्यपुस्तकों को स्केन करने परेशान हैं।
राजधानी में पाठ्यपुस्तकों की दुकानों में विभिन्न कक्षाओं की पाठ्यपुस्तक लेने एवं कॉपी के लिए अभिभावकों एवं शालेय छात्रों की भीड़ लगी हुई है। इस समय गोलबाजार में छात्रों में जमावड़ा लगा हुआ है।
शिक्षकों के अनुसार पहली से लेकर 8वीं तक की पुस्तकें पाठ्यपुस्तक निगम द्वारा वितरित की जाती है। इस समय निर्धारित समय में पाठ्यपुस्तकें नहीं पहुंच पाई है, जिसमें सामाजिक विज्ञान, विज्ञान, गणित, हिन्दी, अंग्रेजी की पुस्तकें छप नहीं पाई है, इसलिए अब शिक्षक पुरानी पाठ्य पुस्तको की स्केनिंग कर पढ़ा रहे हैं। इधर विभिन्न शालाओं में शिक्षकों को स्केनिंग करने को कहा गया है, जिससे शिक्षक परेशान है, उग्र शिक्षकों ने पाठ्यपुस्तक निगम कार्यालय के सामने धरना एवं प्रदर्शन किया। बताया जाता है कि 09 से लेकर 10वीं की पुस्तकों का वितरण हो चुका है।
एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें अब सामान्य स्थानों पर नहीं मिल रही है। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा संचालित शालाओं में पुस्तक लेने के अधिकृत स्थानों पर जाना पड़ेगा। शिक्षकों के अनुसार राज्य शासन द्वारा संचालित शालाओं में पाठ्यपुस्तकें पहुंच नहीं पाई है, जिससे शिक्षक परेशान है। विभाग का दावा है कि शत-प्रतिशत पुस्तकें पहुंच गई है। इधर शिक्षकों का कहना है कि 15 दिन शैक्षणिक सत्र शुरू हो चुका है। लेकिन पुस्तक बांटी नहीं गई है, शिक्षकों को बार कोड एवं आइएसबीएन कोड मोबाइल से स्केन करना सिर दर्द बन गया है। सर्वर लो डाउन रहता है, जिससे शिक्षक अपना मूल काम छोड़कर इसी काम में लगे हुए हैं। जेएन पांडे, सप्रे स्कूल, गुढिय़ारी स्कूल में शिक्षकों का टोटा है। वहीं आत्मानंद स्कूल की हालात खराब है, जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल ने बताया कि आत्मानंद स्कलो में पुस्तक नहीं पहुंच पाई है। सरकारी नियम और प्राइवेट के अलग-अलग नियम है, जिसके कारण प्राइवेट स्कूल वाले परेशान है।
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