-रैली की शक्ल में सैकड़ों महिलाएं व पुरुष पहुंचे कलेक्ट्रेट प्रदर्शन में शामिल पूर्व विधायक वोरा ने कहा यह कैसा सुशासन?
-बघेरा-कोटनी मार्ग मे शराब भट्ठी नहीं चाहिए... नही चाहिये
दुर्ग। दुर्ग निगम के वार्ड क्रमांक-56 बघेरा में प्रस्तावित शराब भट्टी खोले जाने के विरोध में 10 वार्डों के स्थानीय रहवासी लामबंद हो गए हैं। विरोध स्वरूप ग्रामीण मंगलवार की सुबह बघेरा में एकत्रित हुए और इस मुद्दे को लेकर नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। जिनमें शराब भट्ठी खोले जाने को लेकर भारी आक्रोश नजर आया। यह प्रदर्शन वार्ड पार्षद ललित ढीमर के नेतृत्व में किया गया। प्रदर्शन में मोहलाई, कोटनी, पिपरछेड़ी और नगपुरा जैसे आस-पास के गाँवों के लोग बड़ी संख्या में जुटे। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए प्रस्तावित शराब भट्टी को तत्काल निरस्त किया जाए।
प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट कहा है कि बघेरा स्थित ब्रह्मकुमारी आनंद सरोवर, स्कूल, मंदिर और अन्य धार्मिक व शैक्षणिक स्थलों के कारण यह क्षेत्र एक शांत और पारिवारिक परिवेश वाला इलाका है। पास ही के कई स्कूलों में दूर-दराज से बच्चे शिक्षा ग्रहण करने आते हैं, जिन पर शराब भट्टी का गलत प्रभाव पड़ सकता है। बघेरा क्षेत्र के पास पहले से ही 2 किमी के दायरे में 6 शराब भट्टियाँ संचालित हैं।
इस क्षेत्र में शराब दुकान खुलने से सामाजिक और सांस्कृतिक वातावरण पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। प्रदर्शन की जानकारी मिलते ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता एवं दुर्ग शहर के पूर्व विधायक अरुण वोरा स्वयं तत्काल मौके पर पहुँचे और ग्रामीणों की भावनाओं का समर्थन किया। साथ ही उन्होंने जिला आबकारी अधिकारी से भी शराब दुकान न खोले जाने के विषय में चर्चा की। अरुण वोरा ने ग्रामीणों की बात को गंभीरता से सुनते हुए कहा कि भाजपा सरकार दिन-ब दिन शराब भट्टियाँ खोल रही है और शिक्षा के मंदिर स्कूलों को बंद कर रही है। सिर्फ एक साल में 70 से अधिक नई शराब भट्टियाँ खोली गई हैं। ये कैसा 'सुशासन' है? यह सरकार प्रदेश को किस दिशा में ले जा रही है। नशे की तरफ या ज्ञान से दूर? कांग्रेस इस जनविरोधी निर्णय के खिलाफ पूरी ताक़त से खड़ी है। जनता की भावना सर्वोपरि है और प्रशासन को इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करना ही होगा। श्री वोरा न कहा है कि शराब दुकान खुलने से लोगों में नशे की प्रवृत्ति बढ़ सकती है। साथ ही बस्ती की महिलाओं को भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। महिलाओं का कहना है कि महतारी वंदन की राशि नहीं चाहिए, चावल नहीं चाहिए। हमें शराब भट्टी नहीं, शिक्षा और रोजगार चाहिए। बता दें कि छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को लेकर पहले से ही यहाँ की महिलाएं लामबंद हैं। प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता परमजीत सिंह भुई, प्रदेश महामंत्री राजेन्द्र साहू, पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल, नेता प्रतिपक्ष संजय कोहले, पार्षद भोला माहोबिया के अलावा सैकड़ों लोग मौजूद रहे। बता दें कि वार्ड-56 में प्रस्तावित शराब भट्ठी का प्रजापिता ब्रम्हाकुमारीज विश्वविद्यालय बघेरा द्वारा भी विरोध जताया जा चुका है। उनका कहना था कि उक्त क्षेत्र में शराब भट्ठी खुलने से आध्यात्मिक शांति में विघ्न पैदा होगा और बुराईयां बढ़ेगी।
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