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डोंगरगढ़ शहर का मास्टर प्लान रिवाइज करना अत्यंत आवश्यक: विवेक मोनू भंडारी

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एमपी शासन में बना था मास्टर प्लान, सालो पीछे चल रहा डोंगरगढ़ का विकास 

डोंगरगढ़। धर्मनगरी के विकास की गति 20 साल पीछे चल रही है। डोंगरगढ़ शहर का मास्टर प्लान बता रहा है कि साल 2000 के बाद शहर के लिए नया मास्टर प्लॉन बन ही नहीं पाया।आज भी डेवलपमेंट के पहले 2011 के मास्टर प्लॉन का अवलोकन किया जाता है और वर्ष 2000 में बने नियमों को ही माना जा रहा है। मास्टर प्लान काफी पुराना होने की वजह से शहर के विकास दर में कमी आई है।
अविभाजित मध्यप्रदेश के समय 20 अक्टूबर 2000 को डोंगरगढ़ शहर के लिए 2011 तक मास्टर प्लॉन तैयार किया गया। इसके ठीक 10 दिन बाद छत्तीसगढ़ राज्य की घोषणा हुई यानी एमपी शासन में बने प्लॉन आज भी चल रहा है। 2011 के बाद दूसरा मास्टर प्लॉन तैयार होना था परंतु ऐसा आज तक नहीं हो पाया। इस हिसाब से कई साल पुराने प्लॉन पर शहर का विकास दर चल रहा है। 1991 के जनगणना को आधार मानकर प्लॉन तैयार किया गया तब शहर में महज 18 वार्ड ही थे। 2011 में थे 18 वार्ड, आबादी थी 60 हजार डोंगरगढ़ शहर की आबादी बढ़ने के साथ नहीं बना नया मास्टर प्लान।
अब शहर की आबादी 80 हजार के पार पर मास्टर प्लान की हकीकत कुछ और डोंगरगढ़ विकास योजना वर्ष 2011 की अनुमानित जनसंख्या 60 हजार को आधार मानकर तैयार की गई थी। लेकिन कई साल बाद शहर की आबादी लगभग 80 हजार पहुंच चुकी है। इसके बाद भी नया प्लान तैयार करने पहल नहीं की जा रही है। पुराने प्लॉन में शहर के सीमा से लगे 11 गांवों को निवेश क्षेत्र माना गया है, जो अब लगभग शहर की आबादी में शामिल होने वाले हैं। डोंगरगढ़ निवेश क्षेत्र के अंतर्गत कुल 50.13 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र शामिल है। इनमें 13.18 वर्ग किमी डोंगरगढ़ नगर पालिका परिषद व 36.96 वर्ग किमी ग्रामीण क्षेत्र शामिल है।
आउटर में रिंग रोड तो प्रस्तावित हुआ परंतु अब उसी जमीन पर बन गए मकान वर्ष 2000 के मास्टर प्लॉन में शहर के आउटर क्षेत्र में रिंग रोड बनना प्रस्तावित किया था। परंतु 20 वर्षों में यह जमीनी स्तर पर उतर ही नहीं पाया। अब तक रिंग रोड के लिए जमीन भी चिन्हांकित नहीं कर पाए। बायपास कन्या स्कूल से प्रस्तावित था परंतु अब उस क्षेत्र में घनी आबादी की बसाहट हो चुकी है। वहीं शहर में ट्रैफिक का दबाव भी काफी बढ़ गया है। 29 साल पहले केवल 60 कार व 50 जीप का सर्वें किया गया था, जो अब हजारों की संख्या में पहुंच चुका है। यदि 2011 में 2021 या 2031 के लिए मास्टर प्लॉन तैयार होता तो विकास की गति भी बढ़नी तय थी।

अन्य शहरों के लिए 2031 तक का बन चुका है प्लान..

 नियमानुसार 2011 के बाद डोंगरगढ़ शहर के लिए आगामी 2021 या 2031 तक के लिए नया मास्टर प्लॉन बन जाना था। परंतु इसे कागजों तक ही सिमेटकर रख दिया गया। प्रशासन 2011 के मास्टर प्लॉन को आधार मानकर निर्णय ले रही है। राजनांदगांव, खैरागढ़, डोंगरगांव जैसे शहरों के लिए 2031 तक का मास्टर प्लॉन बन चुका है। डोंगरगढ़ में नया प्लान बनाने पहल नहीं हुई।
अब 24 वार्डों के साथ बढ़ गया शहर का दायरा 1991 के जनगणना के मुताबिक डोंगरगढ़ में 18 वार्ड थे जो अब 24 तक पहुंच गया है। शहर में आबादी बढ़ने के साथ ही शहरी सीमा का दायरा भी बढ़ चुका है और लोग शहर से लगे गांवों में जमीन खरीदकर मकान बना रहे हैं। जिन क्षेत्रों को ग्रीन बेल्ट में शामिल किया गया था वहां पर अब या तो आबादी या इंड्रस्टी खुल गए हैं। मास्टर प्लॉन तैयार करने के लिए भाजपा नेता विवेक मोनू भंडारी ने जल्द ही शासन प्रशासन  को पत्र लिखकर इस विषय की मांग रखने की बात कहीं। 2021 की जनगणना में शहर की आबादी 80 हजार के आसपास पहुँच गई है।
डोंगरगढ़ में 2011 का मास्टर प्लॉन लागू किसी भी शहर का मास्टर प्लॉन टाउन एंड कंट्री प्लॉनिंग डिपार्टमेंट तैयार करता है। नया मास्टर प्लॉन के लिए स्थानीय नगर पालिका अध्यक्ष व अन्य जनप्रतिनिधियों के माध्यम से प्रपोजल जाना चाहिए। फिलहाल डोंगरगढ़ में 2011 का मास्टर प्लान ही लागू है।मास्टर प्लान रिवाइज होने से समुदाय विकास के लिए दीर्धकालीन दृष्टि प्रदान होगी यह नगर पालिका के आदेशों के भीतर उचित भूमि का उपयोग कैसे करे इसका निर्धारण करता है।यह सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा और समान्य कल्याण की रक्षा में मदत करता है।
आज की तेजी से शहरीकरण की दुनिया में,शहरी वातावरण को कई प्रकार की चुनौतीयो का सामना करना पड़ता है इसमें जलवायु परिवर्तन,पहचान संकट,जनसंख्या वृद्धि,और नियोजन विकास शामिल है।
मास्टर प्लान किसी भी शहर के विकास की मजबूत नींव है यह विकास योजना की वास्तविक आर्थिक सामाजिक और पर्यावरणीय क्षमता को साकार करने में मदत करता है। पूर्व जिला भाजपा संयोजक विवेक मोनू भंडारी ने कहा कि यह सही समय हैं मास्टर प्लान रिवाइज करने का लगातार प्रदेश भर में विकास के नए आयाम खुलते जा रहे है और लगभग 20 साल बाद डोंगरगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की स्पष्ट सरकार भी बन पाई है जिससे अब एक उम्मीद की किरण बन पाई है कि डोंगरगढ़ के विकास का रोड मेम तैयार करने हेतु सालों से अवरुद्ध डोंगरगढ़ शहर के मास्टर प्लान को  जल्द से जल्द रिवाइज कर सर्वागीण विकास का मजबूत ढाचा तैयार किया जा सकेगा।

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