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एल्गोरिद्म आधारित हवाई किराया नीति उपभोक्ताओं के साथ अन्याय: कैट दुर्ग छत्तीसगढ़ का कड़ा विरोध

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ब्राउज़िंग से किराया बढ़ाना- उपभोक्ता के साथ अन्याय!

 

छात्र, व्यापारी और नागरिक - सब इस नीति से पीड़ित!

 

सरकार हस्तक्षेप करे - हवाई किराए में पारदर्शिता लाए!

 दुर्ग। देश की एयरलाइंस कंपनियों द्वारा अपनाई जा रही एल्गोरिद्म आधारित डायनामिक किराया नीति पर कैट छत्तीसगढ़ ने कड़ी आपत्ति जताई है। इस नीति को उन्होंने आम नागरिकों, व्यापारियों, उद्यमियों और युवाओं के खिलाफ “डिजिटल धोखाधड़ी का नया मॉडल” बताया है।

यह नीति यात्रियों की टिकट खोज गतिविधियों पर नजर रखकर किराए में अनावश्यक और अचानक वृद्धि कर देती है, जिससे बिना टिकट बुकिंग के भी कीमतें बढ़ जाती हैं। यह आम उपभोक्ताओं को भ्रमित कर, उन्हें मजबूरी में अधिक मूल्य चुकाने के लिए बाध्य करती है।

कैट छत्तीसगढ़ के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश सांखला ने इसे मध्यमवर्ग, व्यापारियों और महिला उद्यमियों पर एक बड़ा आर्थिक बोझ बताया और तत्काल रोक की मांग की।
प्रदेश मंत्री पवन बडजात्या ने इसे पारदर्शिता विरोधी नीति बताते हुए कहा कि फ्लाइट की कुल सीटें और उपलब्ध सीटें वेबसाइट पर लाइव दिखाना अनिवार्य किया जाए।

प्रसिद्ध चिंतक एवं स्वावलंबी भारत अभियान, छत्तीसगढ़ के प्रांत सह-समन्वयक संजय चौबे ने कहा कि “यह नीति डिजिटल आर्थिक अन्याय है, जिससे देश का उद्यमशील वर्ग और व्यापारी समुदाय प्रभावित हो रहा है। ऐसी प्रणाली देश की प्रगति को रोकती है।”

पायल जैन, गूंजा पींचा और अमीना मोहम्मद अली हिरानी ने भी संयुक्त बयान में कहा कि यह नीति महिलाओं, युवाओं और छोटे व्यवसायियों को भ्रमित कर रही है और इसका प्रभाव उनकी कार्यक्षमता व आर्थिक स्थिरता पर स्पष्ट दिख रहा है।

युवा छात्रों के हितों की बात करते हुए कैट दुर्ग ने कहा कि हजारों छात्र मेट्रो शहरों एवं दूरस्थ राज्यों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। वे सप्ताहांत या अवकाश में घर लौटना चाहते हैं, परंतु जैसे ही वे टिकट खोजते हैं, कीमतें बढ़ा दी जाती हैं। यह तकनीकी धोखा न केवल उनकी जेब पर भार डालता है, बल्कि मानसिक असुविधा भी उत्पन्न करता है।

कैट दुर्ग ने प्रधानमंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को ज्ञापन भेजते हुए मांगें...

एल्गोरिद्म आधारित डायनामिक किराया नीति पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए।
एयरलाइंस को पारदर्शी और न्यायसंगत किराया नीति लागू करने हेतु बाध्य किया जाए।
सभी रूट के लिए सीजन आधारित अधिकतम किराया निर्धारित किया जाए।
टिकट बुकिंग पोर्टल्स पर सीट की कुल संख्या एवं उपलब्ध सीटें लाइव प्रदर्शित की जाएं।
रद्दीकरण शुल्क ₹500 से अधिक न हो।
किराया सर्वसमावेशी (All Inclusive) रूप में हो जिसमें सभी कर व शुल्क स्पष्ट रूप से दिखाए जाएं।
कैट छत्तीसगढ़ शीघ्र ही इस विषय पर प्रदेशव्यापी जन-जागरण अभियान शुरू करेगा ताकि उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके।

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