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महाकुम्भ मेले में भगदड़, 40 की मौत, 70 से अधिक घायल

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-आंकड़ा बढ़ने की आशंका; प्रयागराज में अभी भी 9 करोड़ लोग
प्रयागराज
। प्रयागराज के संगम तट पर मंगलवार-बुधवार की रात करीब डेढ़ बजे भगदड़ मच गई। हादसे में अब तक 40 लोगों की मौत होने की खबर है। 70 से ज्यादा घायल हैं। मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। मेडिकल कॉलेज में पहले 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए। फिर मेला क्षेत्र से 8-10 एंबुलेंस से शवों को लाया गया।

मेडिकल कॉलेज में 20 लाशों को गिना गया जबकि आखिरी डेडबॉडी पर 40 नंबर लिखा हुआ था। कुछ शव परिजनों को सौंपकर उनके घर भेज दिए गए हैं। हालांकि प्रशासन ने मौत या घायलों की संख्या को लेकर हादसे के 14 घंटे बाद भी कोई जानकारी नहीं दी।

पीएम मोदी ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों से संयम बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा-श्रद्धालु संगम पर ही स्नान करने की न सोचें। गंगा हर जगह पवित्र है, वे जहां हैं उसी तट पर स्नान करें।

हादसे के कारणों के बारे में बताया जाता है कि अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद थे। इसके कारण संगम पर पहुंचने वाली करोड़ों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई। जिससे बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ की अफवाह फैल गई। दूसरे संगम नोज पर एंट्री और एग्जिट के रास्ते अलग-अलग नहीं थे। लोग जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी रास्ते से वापस जा रहे थे। ऐसे में जब भगदड़ मची तो लोगों को भागने का मौका नहीं मिला। वे एक-दूसरे के ऊपर गिरते गए।

हादसे के बाद 70 से ज्यादा एम्बुलेंस संगम तट पर पहुंचीं। इनसे घायलों और मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। हादसे के बाद संगम तट पर एनएसजी कमांडो ने मोर्चा संभाल लिया। संगम नोज इलाके में आम लोगों की एंट्री बंद कर दी गई। भीड़ और न बढ़े, इसलिए प्रयागराज से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोक दिया गया है। वहां प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है।

महाकुंभ में आज मौनी अमावस्या का स्नान था, जिसके चलते करीब 9 करोड़ श्रद्धालुओं के शहर में मौजूद होने का अनुमान है। प्रशासन के मुताबिक, संगम समेत 44 घाटों पर आज देर रात तक 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है। इससे एक दिन पहले यानी मंगलवार को साढ़े 5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात हैं।

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