दुर्ग-भिलाई

थोड़ी सी मदद ने सीखा दिया जीना

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 रिसाली। विषम परिस्थिति कई बार आदमी को जीना सीखा देती है। तीन वर्ष पहले आए कोरोना आपदा ने कई लोगों का रोजगार छिना तो कई को नौकरी गवानी पड़ी। ऐसे में प्रधानमंत्री स्वनीधि योजना स्ट्रीट वेंडरों के लिए मील का पत्थर साबित हुआ।

रिसाली निगम क्षेत्र की बात करे तो दो सौ से अधिक लोगों का परिवार बिखरने से बच गया। पहले 10 हजार और 20 हजार, 50 हजार की ऋण स्वरूप मदद से कई स्ट्रीट वेंडरों ने स्वरोजगार स्थापित किया। आयुक्त मोनिका वर्मा ने बताया कि निगम क्षेत्र में वेंडिग क्षेत्र घोषित नहीं है। इसके बाद भी मुख्य मार्गो की स्थिति शाम के वक्त चैपाटी जैसे हो जाती है। ऐसे ही स्ट्रीट वेंडरों को योजना का लाभ दिलाने का प्रयास किया और रिसाली अपने लक्ष्यों को पूरा कर पाया।

आज हो रही बचत...

फास्ट फुड के व्यापारी चुम्मन साहू बताता है कि पहले वह महज 3 से 4 हजार कमाता था। स्वनीधि के तहत मिले तीन चरणों में ऋण से अब वह हर माह बैंक में भविष्य के लिए पैसे संजो रहा है। चैमीन, चिकन व एग रोल से ही कुछ घंटे के व्यवसाय में 10 हजार तक की बचत कर रहा है।

बना उदाहरण...

प्रदेश के नगरीय निकाय में रिसाली ऐसा निकाय है जहां स्लम क्षेत्र में पाॅश कालोनी की तर्ज पर चैपाटी बनाया गया है। यहां स्ट्रीट वेंडरों को ऋण उपलब्ध कराया गया है। साथ ही उनकी दशा पहले से बेहतर है।

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