दुर्ग-भिलाई

विधायक ललित चंद्राकर के पत्राचार का हुआ असर, लौटआई हिंदी पाठ्यक्रम में व्याकरण

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-स्कूल के हिंदी पाठ्यक्रम में फिर से जुड़ेगा व्याकरण का हटाया गया हिस्सा
-हिन्दी के सेवानिवृत शिक्षक पुराणिक लाल चंद्राकार अदालत से लेकर आए व्याकरण 
-व्याकरण किसी भी भाषा की प्राण होती है इसके बिना भाषा की परिकल्पना नहीं की जा सकती
दुर्ग
। व्याकरण किसी भी भाषा की प्राण होती है इसके बिना भाषा की परिकल्पना नहीं की जा सकती। इस तथ्य को नजरअंदाज कर प्रदेश के जिम्मेदार अफसर ने स्कूल के हिंदी पाठ्यक्रमों में से व्याकरण को विलोपित कर दिया । इससे आहत सेवानिवृत्ति शिक्षक पुराणिक लाल चंद्राकर दफ्तरों से लेकर न्यायालय तक 7 साल संघर्ष किया बल्कि व्याकरण को पुनः स्थापित करने में सफलता हासिल की। 
दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर के पहल पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की पाठ्यचर्या समिति ने आगामी शिक्षण सत्र के पाठ्यक्रम में शामिल करने की अनुशंसा किया गया।
हिंदी और संस्कृत भाषा न सिर्फ समृद्ध है बल्कि हर भारतीय के दिल से भी जुड़ा है इस लिहाज से इसे बचाए रखना भी सब की जिम्मेदारी है। 
शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला रिसाली से वर्ष 2003 में रिटायरमेंट हुए सेवानिवृत शिक्षक पुराणिक लाल चंद्राकार बताते हैं कि उन्होंने सेवाकाल में स्कूल में विद्यार्थियों को हिंदी और संस्कृत अध्यापन कराया। सेवानिवृत्ति के बाद गांव में संचालित निजी स्कूलों में हिंदी अध्यापन की जिम्मेदारी संभाली इस दौरान माध्यमिक शिक्षा मंडल के वर्ष 2018 के कक्षा नवमी से बाहरवी तक के पाठ्यक्रमों से व्याकरण वाले हिस्सा विलोपित कर दिया गया। इस पर उन्होंने एससीईआरटी के संचालक सहित तमाम जिम्मेदार अफसर से पत्र व्यवहार किया। संचालक ने वर्ष 2019 के पाठ्यक्रमों में विलोपित हिस्सा को जोड़ने का भरोसा दिलाया था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। हर साल पत्र और आश्वासन का दौड़ चला रहा अंततः उन्होंने वर्ष 2021 में इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका लगाई हाईकोर्ट के आदेश का भी अनदेखी किया। पुराणिक लाल चंद्राकार की याचिका पर हाई कोर्ट ने व्याकरण पाठ्यक्रम में दोबारा शामिल करने आदेश दिया, लेकिन इसका भी असर संबंधित अफसर पर नहीं पड़ा उन्होंने बताया कि आदेश के परिपालन के लिए 1 साल 5 माह और 10 दिन इंतजार किया लेकिन पाठ्यक्रमों में व्याकरण शामिल नहीं किया गया। इस पर उन्होंने अवमान्य  याचिका लगाई इसका भी असर नहीं हुआ। दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर व 
समाज सेवी अमरचंद सुराना से मिलकर अपनी समस्या बताई, इसको तुरंत सज्ञान में लेते हुए क्षेत्रीय  दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर अपने लेटर पैड से संबंधित अधिकारियों को पाठ्यक्रम में व्याकरण जोड़ने संबंधित लेटर प्रस्तुत किया। और द्वितीय अवमानना नोटिस जारी किया इसके बाद अफसर हरकत में आकर पाठ्यचर्या समिति की बैठक में पाठ्यक्रम में हटाए गए हिस्से को जोड़ने का फैसला लिया गया। 
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर एसीईआरटी ने विधायक को पत्र भेज कर कक्षा नवमी से बाहरवी तक की परीक्षाओं में आनुपातिक रूप से व्याकरण संबंधित प्रश्न किए जाने का प्रस्ताव पाठ्यचर्या समिति की बैठक में लिया गया है और आगामी सत्र 2025-26 में ब्लूप्रिंट में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करने की अनुशंसा की गई है।

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