दुर्ग-भिलाई

श्री पार्श्व प्रभु जन्म-दीक्षा कल्याणक महोत्सव: अहो आनंद! भक्ति सभर माहौल !!! आराधना के लिए उमड़ा जन सैलाब !!!

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- श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ नगपुरा, दुर्ग छग.
दुर्ग/ नगपुरा।
श्री उवसग्गहरं पार्श्व तीर्थ नगपुरा में 24,25,26 दिसम्बर को तीन दिवसीय श्री पार्श्व प्रभु जन्म दीक्षा कल्याणक महोत्सव आनंदपूर्वक सम्पन्न हुआ। इस महोत्सव में पूज्य आचार्य श्री भुवन -भानु सूरीश्वर जी म सा समुदायवर्ती पूज्य मुनि श्री जयपाल विजय जी म.सा., मुनि श्री प्रियदर्शी विजयजी म. सा., मुनि श्री तीर्थप्रेम विजयजी म.सा.तथा पूज्य साध्वी श्री राजरत्ना श्री जी म.सा.आदि ठाणा 17 की निश्रा में विविध महापूजन, अनुष्ठान के साथ ही लगभग 9 साध्वीजी भगवंत एवं 185 श्रावक श्राविकाओं तपस्वियों ने "उवसग्गहरं दादा" के नाम से अट्ठम तप की आराधना किए। महोत्सव में देशभर के आराधकों का आगमन हुआ।

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-पोष बद नवमी 24 दिसम्बर...
इस दिन तीर्थ के निकटस्थ ग्रामों के बालिकाओं ने तीर्थ से लगभग 5 किमी दूरी पर स्थित शिवनाथ नदी तट पर स्नात्र महोत्सव किया। शिवनाथ नदी से पूजा अर्चना कर जल ग्रहण किए। लगभग 250-300 बालिकाओं ने बैड, नृत्यमंडली एवं विविध घोष के साथ शत्रुंजय,गंगा, महानदी,व्यास,सतलज,झेलम, ताप्ती, नर्मदा आदि 108 नदियों के जल का कलशयात्रा परमात्मा के अभिषेक के लिए जल कलश लेकर तीर्थ पधारें। कलश यात्रा का संचालन ट्रस्टी मूलचंद जैन, गायत्री प्रज्ञापीठ रसमडा के रामेश्वर साहू, खिलेश साहू, राकेश साहू ने किया। प्रातः सूर्योदय के साथ विशाखापट्टनम निवासी श्रेष्ठिवर्य सूरजमल मिश्रीमल ने तीर्थपति का 108 वासक्षेप पूजन किए। दीक्षित भाई भूपेन्द्र भाई शाह मुम्बई ने वर्धमान शक्रस्तव के साथ महाभिषेक किया। प्रखरवक्ता, तत्वचिंतक मुनिश्री तीर्थ प्रेम विजयजी म.सा. ने "पार्श्व पारायण" कथा प्रवाह के साथ श्री पार्श्वप्रभु की महिमा पर अद्‌भुत प्रवचन दिए! यह प्रवचन तीनों दिन जारी रहा।
दोपहर में ट्रस्ट मंडल के नेतृत्व में श्री पार्श्व पद्मावती महापूजन की संरचना हुई। कोचर परिवार फरिदाबाद (बिकानेर वाले) ने संध्या आरती का लाभ लिया

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-पोषबद दशमी,जन्म कल्याणक दिवस 25 दिसम्बर...
आज सूर्योदय पूर्व ही ब्रम्हमुहुर्त से परमात्मभक्ति के लिए श्रावक-श्राविका मंदिर प्रांगण में उपस्थित हो गये थे। तीर्थपति का वासक्षेप पूजा श्री वसंतजी- तन्मयजी लूनिया महासमुंद ने किया। मंदिर प्रांगण से गुरुभगवंतों की सान्निध्यता में जन्म कल्याणक वरघोड़ा प्रारम्भ हुआ। डोंगरगढ़ के तीर्थभक्त पायलबेन विवेकजी भंडारी परमात्मा को लेकर रथ में आरूढ़ हुए ,रथ के पीछे पीछे जन्म अभिषेक के लिए अनेकों नदियों का जल कलश लेकर श्राविका चल रही थी। यह वरघोड़ा मेरुपर्वत प्रांगण तक पहुँचा , मेरुपर्वत प्रांगण पर स्नात्र उत्सव का विधान सम्पन्न हुआ तत्पश्चात् चौसठ इन्द्र इंद्राणी ने मंत्रोच्चार के साथ मेरुपर्वत शिखर पर विराजित श्री दुर्लभ पार्श्वनाथ प्रभु का जन्माभिषेक किया गया। 
इस दिन वर्धमान शक्रस्तव से अभिषेक का लाभ मांगीलाल जी संदीपजी अभिषेक निमाणी परिवार दुर्ग ने लिया।
 इसी दिन प.पू.मुनि श्री विराट सागर जी म०सा०की निश्रा में दुर्ग से लगभग 250 यात्रियों का पैदल यात्रा संघ का आगमन हुआ।
प्रवचन हाल में जन्म-कल्याणक उत्सव मनाया गया जहाँ पू. मुनिश्री तीर्थ प्रेम विजयजी म.सा. ने चौदह सपनों का वर्णन किया। श्रावक-श्राविकाओं द्वारा चौदह सपनों का अवतरण, श्री संघ को दर्शन कराने का लाभ किया गया।  श्री पुखराज मुणोत ने तीर्थ मुनीम की आसंदी को सुशोभित किया।  श्राविका उषादेवी सुरेशजी बागमार केशकाल रायपुर ने गुरु ओवरणा, कांबली वोहराने का लाभ लिया। पालनाजी का लाभ श्राविका मनिया बाई लालचंदजी तालेड़ा परिवार रायपुर ने लिया। दोपहर श्री 108 पार्श्वनाथ महापूजन 54 सजोड़ो के सामू‌हिक आराधना के साथ सम्पन्न हुई।
 महापूजन अंतराल में पू गुरु भगवंत ने श्री पार्श्वनाथ जन्म वांचन किया।  
 संध्या भक्ति भावना का अद्‌भुत कार्यक्रम था। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी जन्मकल्याणक महाआरती का आयोजन हुआ। दुर्ग के अमृतलालजी अनिशजी  अतीशजी लोढा परिवार ने महाराजा कुमारपाल बनकर आरती उतारने का लाभ लिया। श्री जितेन्द्र (बंटी) दुगड साजा ने महामंत्री,  संतोष भिड़गतिया दुर्ग नगर सेठ बनने का लाभ लिया ,  मुकेश कुमार जी जैन विशाखापत्तनम आदि रात्रि में लगभग 11:36 बजे पालनाजी, चौदह सपनों का जुलुस (शोभायात्रा) के साथ सैकड़ों यात्रियों ने मंदिर संकुल की परिक्रमा करते हुए महाआरती के लिए मंदिरजी में एकत्रित हुए। सभी स्वद्रव्य से दीपक लेकर शांतिपूर्वक "जय-जय पार्श्व प्रभु ,जय अरिहंत देवा, जनम जनम तू दे दे निज चरणन सेवा" की धून में वांजित्रो के साथ लयबद्ध कुमारपाल महाराजा के संग श्रध्दालुओ ने सामू‌हिक जन्म कल्याणक महाआरती किए।
इस वर्ष तीर्थ प्रबंधन के आदेश से महोत्सव का लाभ श्रीमती निर्मलादेवी सरूपचंदजी कोठारी परिवार रायपुर - राजनांदगाँव द्वारा लिया गया।

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पोष बद ग्यारस, दीक्षा कल्याणक दिवस 26 दिसम्बर...
आज प्रात: नवीन कुमार प्रवीणकुमार बोथरा परिवार दुर्ग ने वासक्षेप पूजा का लाभ लिया।  सुरेशजी बागमार परिवार ने वर्धमान शक्रस्तव मंत्रोच्चार के साथ महाभिषेक किया। मंदिर प्रांगण से संयम उपकरणों से सुसज्जित रथ के साथ दीक्षा कल्याणक वरघोड़ा निकाला गया।
 प्रवचन सभागृह में अट्ठम तपस्वियों का बहुमान हुआ दोपहर में श्री पंच पार्श्व अनुष्ठान महापूजन सम्पन्न हुआ।
 तीनों दिवस विधिकारक मोक्षित शाह अहमदाबाद ने विशुद्ध विधिविधान कराया। संगीतकार  धर्मेश जैन परभणी ने तीनों दिवस संगीत संरचना के माध्यम से पूजा एवं भक्ति भावना कराया।

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 महोत्सव में तीर्थ के अग्रणी सहयोगी विमलचंद जी मुथा कराड, अमित चौरड़िया कलकत्ता, सुशीला श्रवण जी राठौर मद्रास, नियती बेन शाह मुम्बई, हितेन मेहता खरसिया, प्रफुल्ल धंधुकिया भंडारा, शांतिलाल छाजेड़ खैरागढ़, श्री चंद कोचर राजनांदगांव, हरीश जी कोचर, कमलादेवी मनमोहनचंद जी कानूगा परिवार रायपुर,पिंकेश सुराना रतलाम आदि सैकड़ों परिवार की समृद्ध उपस्थिति रही। रायपुर से सैकड़ो यात्री श्री शरदजी चोपड़ा के नेतृत्व में बस लेकर पधारें।
दूसरे दिन अट्ठम तपस्वियो पारणा हुआ!!
आभार ! अनुमोदना !! पुनः आगमन की प्रतिक्षा !!!
तीर्थ ट्रस्ट मंडल के अध्यक्ष गजराज पगारिया, मैनेजिंग ट्रस्टी पुखराज दुगड, ट्रस्टी भीखमचंद कोठारी, मूलचंद जैन ,पन्नालाल गोलछा, विजय चोपड़ा, पुखराज मुणोत, चंद्रकुमार फत्तेपुरिया, राजेन्द्र गोलछा, सुरेश बागमार, मनीष भाई मेहता (ट्रस्ट मंडल) ने इस महोत्सव में पधारे सभी यात्रियों का अभिनंदन -स्वागत, अनुमोदना करते हुए भविष्य में भी परमात्म भक्ति के साथ तीर्थ यात्रा करने पुनः पधारने का अनुरोध किया। प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सहयोग हेतु आभार व्यक्त किया।
 महोत्सव में  विद्युत रोशनी से सजावट हँस लाईट दुर्ग, ध्वनि- साउंड व्यवस्था आकाश रेडियों दुर्ग तथा पंडाल व्यवस्था नेगी टेंट हाउस गनियारी द्वारा किया गया। आरोग्यम् नगपुरा एवं शासकीय चिकित्सालय नगपुरा द्वारा निःशुल्क चिकित्सा सेवा दिया गया, नगर पुलिस अधीक्षक चिराग जैन के मार्गदर्शन में नगपुरा पुलिस ने सुरक्षा प्रबंध एवं यातायात व्यवस्था में सहयोग दिया।
(आंखों देखी समाचार-आलेख विजय सेठ, शिक्षक केलाऊर बस्तर)

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