दुर्ग । भारत गौरव गढ़नी आर्यका 105 सौभाग्य मति माताजी संघ विराजमान स्थानीय दिगंबर जैन पंचायत मंदिर वैशाली नगर की धर्म साधना चातुर्मास का रविवार को समापन दिवस है जिसे जैन समाज निस्ठापन के रूप में मनाता है। इस चातुर्मास में स्थानीय मंदिर में साधु संत धर्म प्रभाव ना करते हैं अर्थात पद बिहार और गमन नहीं करते चतुर्वास के अंतिम दिवस पर पिछी धारी साधु साध्वी, संत, माताजी जिनका सब पिचछी और कमंडल होता है । जिनकी अपनी निशान और पहचान होती है जिसे सबसे बड़ा आभूषण कह सकते हैं। कल पिचछी परिवर्तन दिवस का आयोजन विधि विधान से साधु सन्ग स्थानीय समाज की उपस्थिति में संपन्न करता है। समाज के संजय बोहरा ने बताया उक्त कार्यक्रम कल वैशाली नगर मंदिर में दोपहर 2 बजे से 5 बजे के बीच संपन्न होना है। इसमें माताजी की पुरानी धर्म के प्रति विशेष भक्ति साधु सेवा त्याग और नियम का पालन करने वाले को दी जाती है, और धर्म मार्ग पर सहयोग देने वाले धर्म प्रेमी बंधुओ के हाथों से नई ग्रहण करती है । अर्थात साधु संत की त्याग और तपस्या का जिसे हम दूसरे रूप में भक्त और भगवान के संबंधों के रूप में देख सकते हैं। कार्यक्रम कल संपन्न होना है । साधु साध्वी , माताजी का संघ पद बिहार करते हुए स्थानीय मंदिर से गमन कर जाएगा । इसलिए कल का दिवस बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष रूप से पंचायत के अध्यक्ष कजोडमल जी और मंत्री अरविंद जैन का विशेष सहयोग मिल रहा है और इसे बड़ी धूमधाम के साथ संपन्न होना है।
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