मध्यप्रदेश

जैसलमेर में वक्फ बोर्ड की जमीन पर पहली बार हुई कार्रवाई, 29 बीघा जमीन अतिक्रमण मुक्त

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जैसलमेर। राजस्थान के जैसलमेर में पहली बार वक्फ बोर्ड की जमीन पर कार्रवाई की गई है। बुधवार (नौ अक्टूबर) को जैसलमेर नगर परिषद एक्शन मोड पर नजर आई। इस दौरान बाड़मेर रोड पर किए गए अतिक्रमण को हटाया गया। नगर परिषद आयुक्त लजपाल सिंह सोढा के नेतृत्व में नगर परिषद कार्मिकों के साथ ही भारी तादाद में पुलिस जाब्ता भी मौजूद रहा।
गड़ीसर तालाब के गेट से लेकर बाड़मेर रोड की दक्षिण साइड की गोविंदसर तालाब तक राजस्व रिकॉर्ड में गैर मुमकिन आगोर दर्ज है, जो प्रतिबंधित भूमियों की श्रेणी में आता है, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय ने किसी भी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके बावजूद लोगों ने वहां पर निर्माण करवा रखे हैं। जिसको लेकर बुधवार को नगर परिषद ने अतिक्रमण हटवाए हैं। जिन इमारतों पर कार्रवाई हुई है, वह इन अवैध निर्माण का आंशिक हिस्सा है।
वक्फ बोर्ड के खसरा नम्बर 478 पर कार्रवाई
नगर परिषद ने वक्फ बोर्ड के खसरा नम्बर 478 पर कार्रवाई की।  बोर्ड को 18 बीघा जमीन जहां एलॉट है, वहीं 47 बीघा में अतिक्रमण कर रखा था, जिस पर नगर परिषद ने 29 बीघा जमीन को अतिक्रमण से मुक्त करवाया है। जैसलमेर जिले में वक्फ बोर्ड का अतिक्रमण हटाने की इतनी बड़ी कार्रवाई पहली बार की गई है। नियमानुसार नगर परिषद को गड़ीसर चौराहे से बाड़मेर रोड़ की दक्षिण की तरफ स्थित समस्त निर्माणों को हटाकर उच्च न्यायलय के आदेशानुसार 1947 की धरातलीय स्थिति बहाल करनी चाहिए।
कार्रवाई का विरोध कर रहा मुस्लिम समुदाय
वक्फ बोर्ड की जमीन और कब्रिस्तान को अतिक्रमण बताकर नगर परिषद की कार्रवाई का मुस्लिम समुदाय के लोगों ने विरोध किया है। पूर्व प्रधान अमरदीन फकीर और वक्फ बोर्ड के जिलाध्यक्ष नवाबुद्दीन भाटी ने नगर परिषद प्रशासन पर वक्फ बोर्ड की जमीन पर चारदीवारी तोडऩे और कब्रिस्तान को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। पूर्व प्रधान अमरदीन फकीर ने मौके पर पहुंच नगर परिषद आयुक्त और सीआई से मुलाकात कर न्यायप्रिय कार्रवाई करने की मांग रखी। पूर्व प्रधान की मांग के बाद भी प्रशासन ने जेसीबी चलाकर अतिक्रमण हटा दिया, जिससे मुस्लिम समुदाय में आक्रोश देखने को मिला। पूर्व प्रधान और जिलाध्यक्ष ने नगर परिषद पर टारगेट करते हुए गलत कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। सीमावर्ती इलाके में पहली बार विवाद के बीच कार्रवाई को मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि मामला हाईकोर्ट में विचारधीन होने के बाद भी नगर परिषद आयुक्त और दस्ते ने एक तरफा कार्रवाई की है, जो निदंनीय है।

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