-करीब पांच गांवों के लोग हाथियों के डर से रतजगा करने को मजबूर
-घुटरा इलाके के जटासेमर डैम बांस प्लांटेशन के पास हाथियों ने जमा रखा है डेरा
-हाथियों की मौजूदगी से ग्रामीणों में भय का माहौल।
एमसीबी / मनेन्द्रगढ़। गजराज के दल ने लोगों के लिए मुसीबत पैदा कर रखी है. करीब पांच गांवों में हाथियों के डर से लोग डरे हुए हैं. ग्रामीणों को रात में रतजगा करना पड़ रहा है. वन विभाग पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है. सबसे ज्यादा घुटरा इलाका हाथी से प्रभावित हो रहा है. यहां के जटासेमर डैम के पास हाथियों ने डेरा जमा रखा है.
बांस प्लांटेशन के पास हाथियों का डेरा: बांस प्लांटेशन के पास हाथियों ने डेरा जमा लिया है. डैम के पास बने इस प्लांटेशन में हाथियों की मौजूदगी से लोगों में काफी भय है. दिन और रात हर समय लोगों को हाथियों के डर का खतरा सता रहा है. वन विभाग की टीम पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है लेकिन वन विभाग के कर्मी हाथियों के खदेड़ने में नाकाम साबित हो रहे हैं.
हाथियों ने किासनों की फसलों को पहुंचाया नुकसान: हाथियों ने किसानों की फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. जटासेमर में गजराज की टोली ने दो घरों में तोड़फोड़ की है. इसके अलावा खेतों में लगी धान की फसल को भी हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है. जटासेमर और बिहारपुर इलाके में हाथियों का खौफ ज्यादा देखा जा रहा है. जटासेमर के लोगों में हाथियों को लेकर ज्यादा डर है.
हाथियों पर वन विभाग की नजर: मनेंद्रगढ़ वन मंडल की तरफ से बयान जारी कर कहा गया है कि वन विभाग की टीम हाथियों पर नजर रखे हुए है. वनविभाग की तरफ से बार बार लोगों से अपील की जा रही है कि जिस इलाके में हाथियों का दल है उस इलाके का वे लोग रुख न करें. जंगल के पास न जाएं और अपनी सुरक्षा पर ध्यान दें.
"जिन मकानों और फसलों को नुकसान हुआ है, उसकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है. यह रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजा जा रहा है. वन विभाग की टीम दिन-रात इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है और जल्द ही इसे नियंत्रण में लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है": लवकुश पांडे, रेंजर बिहारपुर, वन विभाग, छत्तीसगढ़
हाथियों का दल कोरिया के जनकपुर से मनेंद्रगढ़ के जटासेमर और बिहारपुर में पहुंचा है. हाथियों के दलों पर निगरानी का काम किया जा रहा है. मनेंद्रगढ़ सरगुजा संभाग का अहम जिला है. यहां के अधिकांश इलाके वनों से घिरे हैं ऐसे में हाथी, भालू, तेंदुआ सहित कई जंगली जानवरों का खतरा इन जंगली इलाकों में ज्यादा रहता है।
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