छत्तीसगढ़

देवकर में चल रही चातुर्मास में हो रही है तप और तपस्या..

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- दो युवा रत्नों ने किया 30-30 दिनों का उपवास व्रत

- प्रवचन में बह रही ज्ञान की गंगा
देवकर ।  नगर देवकर जैन भवन गांधी चौक में इस वर्ष 2024 का चातुर्मास चार माह तक चलने वाला है। इस चातुर्मास को सम्पन्न करने छत्तीसगढ़ प्रवर्तक नवकार मंत्र के साधक पण्डित रत्न श्री रतन मुनी जी मसा, के सुशिष्य सेवाभावी शासन दीपक श्री सतीश मुनि जी म,सा , श्री शुक्ल मुनी जी म, सा,, श्री रमण मुनी जी म, सा,,श्री आदित्य मुनी जी म, सा, आदि ठाणा चार विराजमान है। जहां रोजाना नियमित रूप से विभिन्न कार्यक्रम संचालित हो रहे हैं। जिसमें सुबह 8.30 से 9.30 तक प्रवचन, दोपहर 1.30 से 02 बजे बड़े मंगलिक, दोपहर 02 बजे से 03 बजे तक धार्मिक क्लास,शाम प्रतिक्रमण आदि सभी कार्यक्रम सम्पन्न हो रहे हैं।
  चातुर्मास आरंभ होते ही नगर के दो युवा रत्न तपस्वीयों ने उपवास व्रत धारण किया जिनका मांस खम्मण 30-30, दिनों की उपवास हो गया। यह उपवास सिर्फ गर्म पानी पिकर किया गया वह भी सूर्य अस्त होने के बाद पानी नही पिया जाता। दोनों युवा तपस्वीयों ने कठोर साधना की तप की परिचय देते हुए आगे बढ़ते रहे। जिसमें रौनक बोरा पिता निर्मल बोरा जिनका यह चौथी बार मासखम्मण है। याने कि पूर्व में तीन बार और 30-30, दिनों की उपवास व्रत कर चूका है। इसके अलावा ग्यारह दिन,सोलह दिन,नव दिन,आठ दिनों का भी उपवास कर चूका है। जिससे रौनक आयु 24 वर्ष को तपस्वी राजा का उपमा मिल गया है। दुसरा युवा रत्न है प्रणय बोरा पिता राकेश बोरा जिन्होंने 30 उपवास के अलावा और भी तप कर चूके है। देवकर नगर के लिये यह गौरव की बात है।

      चातुर्मास जैन भवन में हो रहे प्रवचन में जैन मुनि श्री सतीश मुनि जी एवं आदित्य मुनी जी ने उपस्थित लोगों को फरमाया कि भगवान तिरर्थकंर ऋषभ देव और भगवान महावीर स्वामी जी के समय से चातुर्मास काल आरंभ हुआ था। बारिश के दिनों में अनेकानेक जीवों की उत्पत्ति होता उन जीवों की विराधना के लिए रक्षा हेतु चार माह तक एक जगह रह कर चातुर्मास किया जाता है। मुनि जी ने कहा कि ये अनुशासन में रह कर ही जीवन का निर्माण हो सकता है। गुरु जीवन का सच्चा निर्माण करता है, गुरु बिना जीवन अधुरा है। भक्ति का मतलब जोड़ना मन वचन और काया के शुद्ध भावों से जुड़ना। जैसे हनुमान जी श्री राम भगवान के लिये थे जब तक हमारे जीवन में लधुता नहीं आयेगा जब तक हम प्रभुता को पा नही सकते। आप लोग अपने इस चमड़ी की चेहरे को कुछ समय के लिये सजाने संवारने, सुन्दर दिखाने के लिये ब्यूटी पार्लर जाते हजारों, लाखों रुपए खराब करते हैं आओ हम फ्री में आपकी आत्मा को सजाते हैं संवारते है निखारते है और पवित्र बनाते है । आप अपने आत्मा को सुन्दर बनाईये जितना जितना हमारा धर्म के प्रति अनुराग होगा वैसे ही वैसे आत्मा पवित्र और सुन्दर होगा कषाय,राग,देव्श दुर होगा जैसे गाड़ीयों में ब्रेक होता है कि गाड़ी को अपने मंजिल पर सुरक्षित पहूचाने के बाद रोकने के लिये वैसे ही तप, तपस्या आत्मा को शुद्ध और सुरक्षित रखने के लिए किया जाता है।

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