पत्रकारों के हर सुख- दुःख में साथ है भूपेश सरकार- काबरा

पत्रकारों के हर सुख- दुःख  में साथ है भूपेश सरकार- काबरा

दक्षिणापथ, नगपुरा / दुर्ग । जो माफी मांग सकता है वह महान् बन जाता है। माफी मांगने से भूतकाल नहीं बदलता है लेकिन माफी मांगने से भविष्य बदल जाता है। जो नाराज़ होकर बैठ जाता है उसे शान्ति नहीं मिलती है। जो हाथ जोड़कर माफी मांग लेता है उसे ही शान्ति मिलती है। उक्त. उद्गार श्री उवसग्गहरं पार्श्व नगपुरा मे मुनि श्री प्रशमरति विजय जी (देवर्धि साहेब) ने प्रवचन में व्यक्त किए!! पू देवर्धि साहेब ने आराधको को बतलाया कि आप सामने वाले को बुरा दिखाकर खुद को अच्छा साबित नहीं कर सकते हो। खुद को ही अच्छा बनना पड़ता है।
जिसे अहंकार अधिक है वह माफी नहीं मांग पायेगा । जिस का आवेश तीव्र है वह भी माफी नहीं मांग पायेगा। माफी वो ही मांगेगा जिसका अहंकार और आवेश कमज़ोर है। माफी माँगने से आप का मन हल्का हो जाता है। मन को जो खुशी चाहिए , प्रसन्नता चाहिए वो माफी देने से भी मिलती है और माफी माँगने से भी मिलती है। जिंदगी का समय बहुत ही छोटा है। यह समय कीमती है। उसे अहंकार और अधिकार की लड़ाई में बर्बाद मत करो। पकड़ी हुई बात छोड़ दो। मन को आराम दो। आप ने किसी से अच्छा व्यवहार किया, तो आप के साथ भी अच्छा व्यवहार ही होगा।  आप ने किसी से बुरा व्यवहार किया तो आप के साथ भी बुरा  व्यवहार ही होगा। वचन और वर्तन से अच्छा व्यवहार रखो। वचन और वर्तन से बुरा  व्यवहार मत रखो। अच्छा व्यवहार कभी खराब फल नहीं देता है। अच्छा व्यवहार अच्छा फल ही देता है। खराब व्यवहार कभी अच्छा फल नहीं देता है। खराब व्यवहार खराब फल ही देता है।