कुष्ठ रोगियों की पहचान के लिए घर-घर जा रही स्वास्थ्य विभाग की टीम

कुष्ठ रोगियों की पहचान के लिए घर-घर जा रही स्वास्थ्य विभाग की टीम

-प्रताडऩा का लगाया आरोप,पीएम, सीएम एवं अन्य केन्द्रीय जांच एजेंसियों से न्याय की लगाई गुहार दक्षिणापथ, दुर्ग। डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) टीम के छापे से व्यथित सहेली ज्वेलर्स गांधी चौक के संचालक सुनील जैन ने डीआरआई टीम के कार्यप्रणाली के खिलाफ सवाल उठाए हैं। उन्होनें आरोप लगाया है कि दुकान व घर में तलाशी के नाम पर डीआरआई द्वारा उन्हें जबरदस्ती प्रताडि़त कर भय का माहौल पैदा किया गया है। जांच में डीआरआई को कोई भी अनियमितता से संबंधित साक्ष्य नहीं मिले। जिससे बौखलाहट में आकर टीम के अधिकारियों ने मेरे साथ झुमाझटकी की और मेरे एकाउंटेंट मो. आरिफ के साथ मारपीट कर झूठा साक्ष्य कथन देने दबाव बनाया गया, साथ हीं दुकान से कंप्यूटर हार्ड डिस्क, सीसीटीवी कैमरा के फुटेज,लैपटॉप, 6 मोबाईल फोन एवं अन्य दस्तावेज अपने साथ ले गए। उक्त सामग्रियों का डीआरआई द्वारा पंचनामा भी तैयार नहीं करवाया गया। जिससे डीआरआई की गलत मंशा साफ स्पष्ट हो रही है। इस कार्रवाही से अन्य सराफा व्यवसायियों में दहशत का माहौल है। सहेली ज्वेलर्स के संचालक सुनील जैन ने आशंका जाहिर की है कि डीआरआई उनके खिलाफ झूठा प्रकरण भी तैयार करवा सकती है। फलस्वरुप उन्होनें घटना की प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री, मुख्यमंत्री छग, सीबीआई चेयरमैन, केन्द्रीय मानवाधिकार आयोग, डीजीपी, आईजी से शिकायत कर न्याय दिलाने एवं दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाही की मांग की है। यह बातें सहेली ज्वेलर्स के संचालक सुनील जैन ने शनिवार को मीडिया से चर्चा मे कहीं। इस दौरान उनके बड़े भाई और छत्तीसगढ़ सराफा व्यापारी संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मदन जैन ने भी डीआरआई की कार्रवाही को अन्यायपूूर्ण बताया। मीडिया से चर्चा के दौरान छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रिज के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश सांखला, दुर्ग चेयरमैन पवन बडज़ात्या, कैट जिलाध्यक्ष मो. अली हिरानी , दर्शनलाल ठाकवानी, सुनील बाघमार, आशीष निमजे, अमर कोटवानी के अलावा चेम्बर व कैट के अन्य पदाधिकारियों ने भी डीआरआई की कार्रवाही की आलोचना की। मीडिया से चर्चा करते हुए सहेली ज्वेलर्स के संचालक सुनील जैन ने कहा कि डी.आर.आई टीम द्वारा मुझे अत्याधिक मानसिक व शारीरिक प्रताडऩा देकर नियम विरुध्द तरीके से जांच की कार्यवाही की गई है। 2 दिसंबर को सुबह 7 बजे कुछ लोग मेरे घर के दरवाजे पर पहुंचे और जोर-जोर से शोर मचाया। मैने जैसे ही दरवाजा खोला वैसे ही मुझे धक्का देकर कुछ लोग घर के अंदर ले गए। इससे मैं इस तरह भयभीत हो गया जैसे घर में कोई चोर लुटेरे घुस आए हो। उन्होंने स्वयं को डी.आर.आई. विभाग रायपुर जोन का अधिकारी बताते हुए कहा कि सोने.की तस्करी के संदेह की जांच करने आए हैं। घर व संस्थान की तलाशी लेना चाहते है। इसके बाद उन्होंने घर की तलाशी शुरु कर दी। इसके बाद घर से 200 मीटर दूर दुकान ले गए और दुकान को खुलवाकर सभी शटरों को बंद कर दिया। बाहर सशस्त्र बल तैनात किया गया और किसी को भी अंदर आने की अनुमति नही दी गई । इसके बाद उन्होंने दुकान की जांच करनी शुरु कर दी। खरीदी बिक्री बिलों का अवलोकन के बाद सोने-चांदी के जेवरातों को तौलकर देखा। नगदी की भी गिनती की गई और बुक से उनका मिलान भी किया गया। श्री जैन का दावा है कि जांच पड़ताल में अधिकारियों को किसी भी तरह के अनियमितता का कोई साक्ष्य नहीं मिला है। श्री जैन ने बताया कि साक्ष्य नहीं मिलने से अधिकारियों की नाराजगी बढ़ गई और उन्होंने संस्थान के कर्मचारी मोहम्मद आरिफ के साथ मारपीट भी की और उस पर दबाव डाला कि वह गोल्ड स्मगलिंग कार्य का साक्ष्य कथन करें। जबकि अधिकारियों को मेरे व मेरे स्टाफ द्वारा जांच में पूरा सहयोग किया गया। श्री जैन का कहना है कि उनके संस्थान से जिन सामानों की जप्ती की गई है। उसका कोई पंचनामा भी तैयार नहीं करवाया गया है। सहेली ज्वेलर्स के संचालक सुनील जैन ने बताया कि सहेली ग्रुप प्रतिष्ठित संस्थान है। दुर्ग जिले में इसकी अन्य दुकानें भी है। संस्था को सहीं व्यापार करने एवं टैक्स पटाने के लिए पूर्व में अवार्ड भी मिल चुके है। डीआरआई ने कार्रवाही कर संस्था के साख को धुमिल करने का प्रयास किया है। जो अन्यायपूर्ण है। श्री जैन ने बताया कि डीआरआई की इस अन्यायपूर्ण कार्रवाही के खिलाफ छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रिज सहेली ग्रुप के साथ खड़ा हुआ है। इस मामले को लेकर चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर परवानी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेेल से मुलाकात कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाही करने की मांग की है। चेम्बर को मुख्यमंत्री ने उचित पहल करने का आश्वासन दिया है।