यादवों को मंजूर नहीं बैसाखी : जनसंख्या के हिसाब से नहीं मिल रहा हैं राजनीतिक महत्व- राकेश यादव

यादवों को मंजूर नहीं बैसाखी : जनसंख्या के हिसाब से नहीं मिल रहा हैं राजनीतिक महत्व- राकेश यादव
RO.NO. 12879/25

RO.NO. 12879/25

RO.NO. 12879/25

नई दिल्ली । भारतीय रेलवे अपनी खरीद प्रकियाओं में घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है। इससे लिए इससे जुड़े नियमों में एक प्रावधान जोड़ा जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा घरेलू वेंडर्स और सप्लायर्स रेलवे की खरीद प्रक्रिया में बोली लगा सकें। रेलवे ने कहा कि इससे सरकार के आत्मनिर्भर भारत मिशन को प्रोत्साहन मिलेगा। बयान में कहा गया है कि अगर जरूरत पड़ी तो उचित नीतिगत बदलावों के लिए डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड से भी मदद मांगी गई है। रेलवे ने कहा कि खरीद प्रक्रिया में घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए शनिवार एक समीक्षा बैठक हुई। इसमें इस बात पर जोर दिया गया कि खरीद प्रक्रिया में लोकल वेंडर्स की भागीदारी बढ़ाई जानी चाहिए। बैठक में रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे और भारत सरकार की खरीद प्रक्रिया में घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने के उपायों की समीक्षा की। बैठक के दौरान गोयल ने रेलवे की खरीद प्रक्रिया को भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी बनाकर इंडस्ट्री में विश्वास पैदा करने के उपायों पर जोर दिया। रेलवे ने कहा कि खरीद में लोकल कंटेंट क्लॉज इस तरह का होना चाहिए कि इससे लोकल वेंडर्स और सप्लायर्स की तरफ से ज्यादा बोलियां आए। इससे आत्मनिर्भर भारत मिशन को बढ़ावा मिलेगा। रेलवे ने कहा कि बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि ऐसे घरेलू सप्लायरों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए जो बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पादों की आपूर्ति कर सकते हैं। साथ ही यह सुझाव भी आया कि एक एफएक्यू सेक्शन बनाया जाना चाहिए और एक हेल्पलाइन नंबर भी होना चाहिए ताकि लोकल वेंडर्स को खरीद प्रक्रिया से जुड़े विभन्न पहलुओं के बारे में स्पष्ट जानकारी मिल सके। भारतीय सेवा प्रदाताओं और कलपुर्जा विनिर्माताओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए रणनीतियां बनाने की आवश्यकता महसूस की गई। सरकारी ई-मार्केटप्लेस दुनिया भर में सरकारी खरीद से जुड़ा बेहद नवीन विचार है। गोयल ने बाजार को उद्योग के लिए विशेष रूप से दूरदराज के इलाकों और एमएसएमई के लिए खोलकर जीईएम प्लेटफॉर्म से रेलवे की लगभग 70 हजार करोड़ रुपए की वस्तु एवं सेवाओं को खरीदने पर जोर दिया। भारत सरकार की सबसे बड़ी खरीद एजेंसियों में से एक भारतीय रेलवे जीईएम की पूरी क्षमताओं के उपयोग के लिए अपनी खरीद प्रणालियों को जीईएम के साथ एकीकृत कर रही है। विभाग ने भारतीय रेलवे की ई-खरीद प्रणाली को जीईएम के साथ एकीकृत करने के लिए समयसीमा साझा की। रेलवे ने किसी भी प्रकार के मैनुअल इंटरफेस (संपर्क) की जरूरत को खत्म करने के लिए दो प्रणालियों के निरंतर एकीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। रेलवे की खरीद को पूरी तरह से जीईएम पर ले जाने के लिए दोनों प्रणालियों रेलवेज आईआरईपीएस और जीईएम के बीच तालमेल कायम किया जाना चाहिए।