बीएसपी कर्मी सुरेश साहू को मिला कर्म शिरोमणि पुरस्कार

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RO.NO. 12945/82

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नई दिल्ली। शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी पी वी सिंधु ने कहा कि कई टूर्नामेंटों के फाइनल में मिली हार के कारण उनका नाम ‘सिल्वर सिंधु’ पड़ता जा रहा था और उसी को गलत साबित करने के लिए वह विश्व चैंपियशिप को जीतना चाहती थी। सिंधु ने चैंपियशिप खिताब जीतने से पहले 2016 रियो ओलंपिक में भी रजत पदक जीता था। उन्होंने कहा कि जब लोग कहते थे कि मुझपर खिताबी मुकाबले में दबाव आ जाता है तो मुझे अच्छा नहीं लगता था। सिंधु ने कहा, ‘विश्व चैंपियनशिप (पिछले वर्ष) में यह मेरा तीसरा फाइनल था। इस दौरान मैंने दो कांस्य पदक भी जीते हैं। मुझे लगा कि मुझे किसी भी कीमत पर खिताब जीतना है। मैं खिताब जीतने के लिए बेसब्र थी। मैं नहीं चाहती थी कि लोग कहें कि वह फिर से फाइनल में हार गई।’ सिंधु ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैंने सोचा कि चाहे कुछ भी हो जाए, मैं 100 फीसदी दूंगी। मुझे यह खिताब जीतना होगा। कई बार लोग मुझे 'सिल्वर सिंधु' के नाम से संबोधित कर रहे थे। कभी-कभी ये बातें मेरे दिमाग में आती हैं।’ सिंधु ने फाइनल में जापान की नोजुमी ओकुहारा पर मिली आसान जीत को लेकर कहा कि इस मैच में मैंने अन्य बातों को छोड़कर तय किया कि पूरा ध्यान अपने खेल पर ही दूंगी।