न करें केमिकल वाले शैंपू का इस्तेमाल, घर पर ही इन चीजों से धोएं अपने बाल

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- कांग्रेस मे शामिल हुई जयंत्री बाई की आगे भविष्य क्या? - अब आगे नेतृत्व परिवर्तन या फिर चलेगी इसी की सरकार? -कांग्रेस के चार पिछड़ा वर्ग? महिला पार्षद चारों अध्यक्ष पद के दावेदार - हाई कमान रविन्द्र चौबे ही तय करेगे देवकर की बागडोर किसके हाथों - भाजपा मे अब शेष तीन पार्षदो की जोड़ी झूकेगा या फिर टूटेगा दक्षिणापथ, देवकर(रमेश जैन)। नगर देवकर की राजनीति मे पिछले एक सप्ताह के भीतर काफी उलट फेर देखा गया। एक ओर जहां नगरी निकाय चुनाव के बाद नगर की भाजपा पूरी बहुमत के साथ सरकार बना कर नगर की बागडोर श्रीमती जयंत्री बाई साहू की हाथों मे आई आठ पार्षदो की बहूमत की जोड़ी आठ माह मे ही बिखर कर चकनाचूर हो गया। भाजपा में आपसी तालमेल की कमी और बडबोल के कारण ऐसा हालात बना कि पार्टी में तोडफ़ोड की दहलीज पर आ खड़ी हुई जिसका फायदा कांग्रेस के कुछ पदाधिकारियों ने उठाया और हुआ वहीं जो वे शुरू दिन से ही चाहते थे। सबसे पहले भाजपा के तीन पार्षदो ने रविन्द्र चौबे के समक्ष नगर में हुए पन्द्रह अगस्त को एक कार्यक्रम दौरान कांग्रेस पर आस्था जताते हुए कांग्रेस में शामिल हुए जिसके बाद भाजपा के पास अध्यक्ष सहित पांच पार्षद शेष रह गए इस घटना क्रम से तिलमिलाई भाजपा तब और बड़ा झटका लगा जब भाजपा के आठ माह की कार्यों की समीक्षा एवं शिकायत होने पर छानबीन हेतु जांच अधिकारी पहुंचे जिनके पास कई मामले ऐसे मिले जिसके चलते अध्यक्ष पर कड़ी कार्यवाही, लाखों रूपये की रिकवरी व पदमुक्त जैसी कार्यवाही संभव था। जिसे देखते हुए वक्त की नज़ाकत के अनुसार अध्यक्ष श्रीमती जयंत्री बाई साहू और वार्ड पार्षद मनीष निषाद उसी दिन रायपुर पहुंच कर मंत्री जी के बंगले मे शरणागत होकर कांग्रेस का दामन थाम लिया और आने वाले अपने मुसीबतों से बचने का रास्ता निकाला। राजनीति की शिकार एक महिला अध्यक्ष जिसे ठीक से अपनी हस्ताक्षर करने नहीं आता राजनिती का एबीसीडी नहीं जानती सीधी सादी एक घरेलू महिला जो राजनीति की चक्रव्यूह में फंस गई और चक्रव्यूह से निकलने की एक ही रास्ता दिखाई दिया प्रदेश और साजा विधानसभा क्षेत्र के राजनिती के चाणक्य एवं कूटनिति के मंजे हुऐ खिलाड़ी प्रदेश के कृषि कैबिनेट मंत्री रविन्द्र चौबे के सामने शरणागत होकर कांग्रेस मे शामिल और हुआ भी यही मरता क्या नहीं करता। अब नगर भाजपा के पास कुल तीन पार्षद शेष बच गए जिसमे नगर पंचायत उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल, अन्नु साहू एवं मनोज शर्मा, अब देखना होगा इन तीनों मे और कोई एक-दो टूटता है या झूकता है या फिर अडिग रहते हैं। जो भी हो अब देखना होगा पिक्चर में चौबे जी की अगली सीन क्या होता है नगर मे नगर पंचायत मे नेतृत्व परिवर्तन या फिर पांच साल जयंत्री? ज्ञात हो की कांग्रेस के पास छ: पार्षदो मे चार पिछड़ा वर्ग महिला पार्षद है और चारो के चारो अध्यक्ष पद के दावेदार है अगर नेतृत्व परिवर्तन होगा तो वे चारों अपनी अपनी दावेदारी ज़रूर करेंगी वार्ड क्रमांक पन्द्रह की पार्षद को प्रथम बार अध्यक्ष चयन के समय मौका चौबे ने दिया था पर उस समय भाजपा आठ और कांग्रेस सात वोट पर थी और भाजपा की सरकार बनी थी जिससे इस बार बचे तीन पार्षदो को उमीदें है उन्हें मौका मिलेगा पर इस चुनाव नहीं सिर्फ चौबे जी की मुहर ही लगेगी वहीं बनेगा। देवकर नगर की अध्यक्ष अब देखना होगा आने वाले समय मे नगर की राजनितिक का कौन सा पर्दा उठने वाला हंै। अब इधर भाजपा मे बचे तीन पार्षद चार साल तक विपक्ष मे रहकर आने वाले अगले चुनाव के लिऐ अपना भविष्य सवारेगे और वफादारी के साथ भाजपा मे रहकर भविष्य के लिए अपनी जगह मजबूती के साथ बरकरार रखेंगे या फिर ?। जो भी हो पर नगर की राजनितिक का धटना क्रम जारी रहेगा अब कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए अधंरूनी खिचातान, मन मुटाव, देखने को मिल सकते है क्योंकि इस प्रकार की माहौल पूर्व मे सर्वप्रथम अध्यक्ष चुनाव दौरान देखने को मिल गया था जिसके कारण स्थानीय कांग्रेस मे अभी भी गुटबाजी दिखाई देता है जिसे नकारा नहीं जा सकता अभी तो चौबे जी के पास पासा है ओ जिसे चाहे उस पार्षद को नेतृत्व दे सकते है और कांग्रेस इस वक्त बहूत मजबूत स्थिति मे है बारह/तीन। अब देखना होगा की की रविन्द्र चौबे की अगला रणनीति क्या होता है पर नेतृत्व परिवर्तन जरूर होगा इसे नकारा नहीं जा सकता। बागडोर किसके हाथों होगा इस पर प्रश्न चिन्ह लगा हुआ है चौबे जी अपनी विवेक नगरवासियों की पसंद और कार्यकर्ताओ की मंशा एवं कांग्रेस के वरिष्ठ लोगों की पसंद का ध्यान जरूर रखेंगे।