मेडिटेशन की शक्ति ही है जो मुझे हर विपरीत परिस्थितियों में विजय तक ले जाता है...

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ब्रह्माकुमारीज केलाबाड़ी दुर्ग में समर कैंप का शुभारंभ

दुर्ग (छत्तीसगढ़)।  प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय राजऋषि भवन केलाबाड़ी दुर्ग में तीन दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर कक्षा 7 से 8 के विद्यार्थियों के लिए शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर आर्. एल. ठाकुर (संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग दुर्ग), डॉक्टर कृष्णा अग्रवाल (प्राचार्य आदर्श कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दुर्ग), ब्रह्माकुमारी चैतन्य प्रभा बहन व शिविर में आए हुए बच्चों के साथ अनेक पालकगण उपस्थित थे। शिविर के शुभारंभ में आगंतुक अतिथियों ,बच्चों व सभी पालकों का स्वागत करते हुए ब्रह्माकुमारी चैतन्य  प्रभा बहन ने कहा यह सभा ऐसे लग रहा है जैसे बगीचे में फूलों की फुलवारी के बीच में हम बैठे हैं। सभी बच्चों के चेहरे की मुस्कान से यहां का वातावरण भी खुशनुमा हो गया है। जीवन में सफलता के लिए शिक्षा के साथ-साथ और कई चीजें आवश्यक है। सफलता के लिए शिक्षा के साथ मन की शक्ति भी चाहिए मन यदि खुश ना हो तो पढ़ाई में भी मन नहीं लगता। यह जो शिविर है विपरीत परिस्थिति में हम अच्छा कैसे सोचें उसके प्रशिक्षण के लिए यह आयोजन किया गया है। जब यह शिविर पूरा होगा तो आप महसूस करेंगे की मुझमें कुछ नया परिवर्तन आया है । दुर्ग शिक्षा संभाग के संयुक्त संचालक आर. एल. ठाकुर ने बच्चों के सम्मुख अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि तीन दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर के आयोजक ब्रह्माकुमारी बहनों अतिथियों व पालकगण का व बच्चों का स्वागत है। एजुकेशन अर्थात शिक्षा क्या है क्या पढ़ना-लिखना ही शिक्षा है। आज बड़ी-बड़ी डिग्री ले लेते हैं तो सोचते हैं कि हम उच्च शिक्षित है किंतु शिक्षित बनना यह बहुत बड़ी चुनौती है । यह इस शिविर में आने के बाद पता चला जब ब्रह्माकुमारी चैतन्य बहन ने बताया तो समझ आया कि हम सिर्फ डिग्रीधारी हैं हम शिक्षित नहीं है शिक्षा अर्थात् डिग्री के साथ नैतिक मूल्यों का होना अति आवश्यक है। इस तीन दिन में आप जान लेंगे की नैतिक मूल्यों का जीवन में कितना महत्व है ।

        राष्ट्रपति पुरस्कार एवं अनेक राष्ट्रीय व क्षेत्रीय पुरस्कार से सम्मानित डॉक्टर कृष्ण अग्रवाल (प्राचार्य आदर्श कन्या उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय ) नें बच्चों के सम्मुख अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा कि परीक्षा के उपरांत अभी जो समय सभी बच्चों को मिला है उसमें सभी को ऐसे महसूस हो रहा है कि अभी बिल्कुल फ्री है ? जब पढ़ाई करते हैं तो मन में यही रहता है कि पढ़ना है.. पढ़ना है ... पढ़ना है दूसरी चीज़ सीखने की ओर ध्यान नहीं जाता यह जो ग्रीष्मकालीन अवकाश का समय आप सभी बच्चों को मिला है उसका पूरा उपयोग करना है। यहां पर जो भी चीज आपको सिखाई जाएगी वह कहीं ना कहीं आपके व्यक्तित्व को निखारेगी और जब हम कोई अच्छी चीज़ सीखतें हैं तो हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है और किसी भी कार्य को करने के लिए जीवन में आत्मविश्वास का होना अति आवश्यक है।उन्होंने यहां सिखाए जाने वाले राजयोग मेडिटेशन के विषय में बच्चों को बताया कि आपको आने वाले समय में जब यह ज्ञात होगा कि यह मेडिटेशन की शक्ति ही है जो मुझे हर विपरीत परिस्थितियों में विजय तक ले जाता है तब आज के दिन का महत्व समझ आयेगा ।
   कुमारी धारणी बहन ने सभी बच्चों को सांगितिक व्यायाम कराया व कुमारी चंद्राणी और जागृति बहन ने मनमोहक नृत्य किया मंच संचालन अशोक सोनी द्वारा किया गया ।