-राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रदर्शन पर द्वितीय राज्य स्तरीय सम्मेलन सम्पन्न
दुर्ग। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय लोक अदालत प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रदर्शन एवं मूल्यांकन पर द्वितीय राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन 18 दिसंबर 2025 को छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सभागार में गरिमामय वातावरण में किया गया। कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा उच्च न्यायालय, छत्तीसगढ़ के सहयोग से किया गया।
सम्मेलन की अध्यक्षता न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा, मुख्य न्यायाधीश, उच्च न्यायालय, छत्तीसगढ़ एवं मुख्य संरक्षक, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा की गई। सह-अध्यक्षता माननीय श्री न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल, न्यायाधीश, उच्च न्यायालय, छत्तीसगढ़ एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा न्यायमूर्ति पार्थ प्रतीम साहू, न्यायाधीश, उच्च न्यायालय, छत्तीसगढ़ एवं अध्यक्ष, उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति द्वारा की गई।
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालतें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39-क में निहित समान न्याय की अवधारणा को साकार करने का प्रभावी माध्यम बन चुकी हैं। उन्होंने बताया कि विगत 9 राष्ट्रीय लोक अदालतों में कुल 2 करोड़ 27 लाख 18 हजार 454 प्रकरणों का निपटारा किया गया है तथा प्रकरणों के निस्तारण के मामले में छत्तीसगढ़ निरंतर राष्ट्रीय स्तर पर शीर्ष पाँच राज्यों में स्थान बनाए हुए है। उन्होंने इन उपलब्धियों के लिए छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों, समस्त न्यायिक अधिकारियों एवं पैरा लीगल वॉलंटियर्स की सराहना की।
इस अवसर पर मुख्य न्यायाधीश के करकमलों से राष्ट्रीय लोक अदालतों की सफलता में उत्कृष्ट योगदान देने वाले जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों, परिवार न्यायालयों के न्यायाधीशों एवं पैरा लीगल वॉलंटियर्स को प्रशंसा प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। साथ ही 16 दिसंबर 2023, वर्ष 2024 में आयोजित चार तथा वर्ष 2025 में आयोजित चार राष्ट्रीय लोक अदालतों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जिलों एवं सर्वश्रेष्ठ परिवार न्यायालयों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में न्यायमूर्ति संजय के. अग्रवाल द्वारा स्वागत उद्बोधन प्रस्तुत किया गया, जबकि आभार प्रदर्शन सदस्य सचिव, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किया गया।
सम्मेलन में उच्च न्यायालय के कई माननीय न्यायाधीशगण, रजिस्ट्रार जनरल, रजिस्ट्री के अधिकारीगण, छत्तीसगढ़ राज्य न्यायिक अकादमी के अधिकारी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, परिवार न्यायालयों के न्यायाधीश, स्थायी लोक अदालतों के अध्यक्ष, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के सचिव एवं समस्त जिलों से नामित पैरा लीगल वॉलंटियर्स उपस्थित रहे।
द्वितीय राज्य स्तरीय सम्मेलन का समापन इस संकल्प के साथ हुआ कि छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय लोक अदालत प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाया जाएगा तथा आम नागरिकों को त्वरित, सुलभ एवं किफायती न्याय उपलब्ध कराने हेतु न्यायपालिका एवं विधिक सेवा संस्थाएं निरंतर प्रतिबद्ध रहेंगी।
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