होम / दुर्ग-भिलाई / गीता जयंती पर आयोजित “साहित्य चर्चा–बुजुर्गों के संग” संगोष्ठी में वरिष्ठजनों के साथ साहित्य पर हुई चर्चा
दुर्ग-भिलाई
-भगवतगीता विश्व साहित्य का अनुपम एवं श्रेष्ठ ग्रंथ है, जो हर संकट में मनुष्य को सही मार्ग दिखाती है : आचार्य डॉ महेश चंद्र शर्मा
-साहित्य किताबों में ही सीमित न रहे, उसे पाठकों तक पहुंचाना ही इसकी सार्थकता है : घनश्याम देवांगन
भिलाई। गीता जयंती के अवसर पर भिलाई वरिष्ठ नागरिक महासंघ द्वारा सियान सदन वैशाली नगर में “साहित्य चर्चा–बुजुर्गों के संग” संगोष्ठी का गरिमामय आयोजन संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रसिद्ध साहित्यकार एवं शिक्षाविद् आचार्य डॉ. महेशचंद्र शर्मा थे। अध्यक्षता महासंघ के अध्यक्ष घनश्याम कुमार देवांगन ने की।
मुख्य अतिथि डॉ. महेशचंद्र ने कहा कि साहित्य व्यक्ति के विचारों, संवेदनाओं और जीवन-दृष्टि को समृद्ध करता है। उन्होंने कहा कि भगवतगीता विश्व साहित्य का अनुपम एवं श्रेष्ठ ग्रंथ है, जो हर संकट में मनुष्य को सही मार्ग दिखाती है। बुजुर्गों के अनुभव जब साहित्य से जुड़ते हैं, तो नई पीढ़ी के लिए यह प्रेरणा और मार्गदर्शन का उज्ज्वल स्रोत बन जाता है। साहित्य केवल पढ़ा नहीं जाता बल्कि जिया भी जाता है और बुजुर्गो का जीवन इसके श्रेष्ठ उदाहरण हैं। उन्होंने साहित्य की महत्ता और समाज में वरिष्ठजनों के अनुभव एवं ज्ञान-संपदा पर सारगर्भित उद्बोधन दिया। भिलाई वरिष्ठ नागरिक महासंघ के अध्यक्ष घनश्याम देवांगन ने कहा कि साहित्य चर्चा–बुजुर्गों के संग” संगोष्ठी परंपरा, अनुभव और साहित्यिक संवाद का अनूठा संगम है । साहित्य किताबों में ही सीमित न रहे, उसे पाठकों तक पहुंचाना ही इसकी सार्थकता है। उन्होंने कहा कि सभी लोगों को पुस्तकें पढ़ने की आदत डालना चाहिए। हमारे आसपास सभी वर्ग के लोगों के लिए पठनीय श्रेष्ठ साहित्य उपलब्ध है। उन्होंने भविष्य में भी बुजुर्गो के लिए ऐसे ही साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम लगातार आयोजित करने की घोषणा की। आरंभ में गायक जोसफ, दिनेश मिश्रा एवं दिनेश गुप्ता ने अपनी सुमधुर गीतों से समां बांधा।
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कार्यक्रम का सबसे प्रेरक क्षण वह रहा जब मुख्य अतिथि एवं साहित्यकार डॉ. महेश चंद्र शर्मा ने अपनी 5 स्वलिखित पुस्तकों का सेट वरिष्ठ जनों के लिए वैशाली नगर सियान सदन के पुस्तकालय को भेंट किया। इस अनूठी पहल ने कार्यक्रम को और भी साहित्यिक, प्रेरणादायी और स्मरणीय बना दिया। इसके लिए महासंघ के द्वारा डॉ. महेशचंद्र शर्मा का सम्मान किया गया। महासंघ के अध्यक्ष घनश्याम देवांगन ने इस योगदान को वरिष्ठजनों की बौद्धिक समृद्धि, अध्ययनशीलता और सामुदायिक साहित्य संस्कृति को मजबूत करने वाला कदम बताया। सियान सदन वैशाली नगर में प्रत्येक शनिवार को सुंदर काण्ड पाठ का नियमित आयोजन लंबे समय से जारी रखने के लिए चन्द्रभान दिन्डे का महासंघ द्वारा सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में वरिष्ठजन रामायण मिश्रा, चन्द्रभान दिन्डे, आर. एस. प्रसाद, गंगा चरण पुरोहित ने भी गीतों, कविताओं एवं संस्मरणों के माध्यम से अपने जीवन में प्राप्त शिक्षाओं को साझा किया और अपने जीवन में साहित्य की महत्ता प्रतिपादित की। पूरे कार्यक्रम में साहित्य को लेकर सृजनशीलता, संवेदना और सकारात्मक ऊर्जा का वातावरण बना रहा।
इस अवसर पर वरिष्ठ नागरिक महासंघ के पदाधिकारी दिनेश कुमार गुप्ता, दिनेश प्रसाद मिश्रा, शिवप्रसाद साहू, राधेश्याम प्रसाद, गंगाचरण पुरोहित, दिगंबर करमटकर, सुरेश चन्द्र जैन, धानेश्वर कुमार निर्मल, रामायण मिश्रा, चन्द्र भान डिन्डे, रामभाऊ गीते, राजेन्द्र वार्ष्णेय, मंगल सिंह, राम बोरकर, अम्बीकर, एस के गुप्त, अर्जुन सिंह साहू, जगदीश राम साहू, आर. डी. वर्मा, कुमार प्रसाद वर्मा, सुनील वाहने, एम. एल. गोपाल, बोरकर आदि सहित वरिष्ठ नागरिक गण उपस्थित थे। अंत में दिनेश गुप्ता ने आभार प्रदर्शन किया।
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