तालाब निर्माण से ग्रामीण किसान हुआ आत्मनिर्भर
दुर्ग। महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायत महमरा में स्वीकृत निजी तालाब (डबरी) निर्माण कार्य ने स्थानीय किसान मूलचंद निषाद पिता शांतिलाल निषाद की आजीविका में उल्लेखनीय सुधार किया है। लगभग 6 किमी दूर स्थित महमरा गांव के 4 सदस्यीय परिवार की आजीविका पहले द्विफसलीय खेती पर निर्भर थी, जिससे आय सीमित रहती थी।
मनरेगा के तहत निजी भूमि में निर्मित तालाब को हितग्राही द्वारा दो हिस्सों में विकसित किया गया है— पहले हिस्से में मछली पालन
दूसरे हिस्से में ढेस कांदा का उत्पादन।
तालाब की मेड़ के आसपास की भूमि पर विभिन्न मौसमी सब्जियों की खेती की जा रही है, जिससे हितग्राही को प्रतिमाह ₹10,000 से ₹12,000 की आय हो रही है। मछली पालन से हितग्राही को प्रतिवर्ष ₹1,00,000 से ₹1,20,000 तक की आमदनी प्राप्त हो रही है। साथ ही, परिवार द्वारा मुर्गी पालन से प्रतिवर्ष लगभग ₹3,00,000 तक की अतिरिक्त आय अर्जित की जा रही है।

डबरी निर्माण से हुए प्रमुख लाभ..
सिंचाई सुविधा में सुधार: बारिश के जल संचय से खेतों की सिंचाई संभव हुई, जिससे किसान अब दोहरी फसल (टमाटर, मिर्च, धनिया व अन्य सब्जियां) लेने में सक्षम हुए हैं।
आजीविका में वृद्धि: मछली पालन, सब्जी उत्पादन और मुर्गी पालन के संयोजन से परिवार की वार्षिक आमदनी में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
रोजगार के अवसर: डबरी निर्माण से मनरेगा के तहत स्थानीय मजदूरों को पर्याप्त रोजगार मिला।जल संरक्षण एवं
भू-जल सुधार: डबरी निर्माण से जल संचयन बढ़ा है, जिससे भू-जल स्तर में भी सकारात्मक सुधार देखने को मिला है।
मनरेगा के इस सफल क्रियान्वयन ने न केवल हितग्राही परिवार को आत्मनिर्भर बनाया है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ दिशा प्रदान की है। डबरी निर्माण आज ग्रामीणों के लिए सिर्फ जल संरक्षण का माध्यम नहीं, बल्कि आजीविका का सशक्त स्रोत बन चुका है।
संपादक- पवन देवांगन
पता - बी- 8 प्रेस कॉम्लेक्स इन्दिरा मार्केट
दुर्ग ( छत्तीसगढ़)
ई - मेल : dakshinapath@gmail.com
मो.- 9425242182, 7746042182
हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है।
सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।
Copyright 2024-25 Dakshinapath - All Rights Reserved
Powered By Global Infotech.