होम / दुर्ग-भिलाई / कलेक्टर ने जनदर्शन में सुनी नागरिकों की समस्याएं, आवासीय पट्टा और ऋण वसूली के मामलों पर शीघ्र कार्रवाई के दिए निर्देश
दुर्ग-भिलाई
-कलेक्टर ने अवैध कब्जा, लापता पति के कर्ज और नेत्रहीन को आवास ऋण मामलों में त्वरित राहत का दिलाया भरोसा
-जनदर्शन में प्राप्त हुए 91 आवेदन
दुर्ग। जिला कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर अभिजीत सिंह ने जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंचे जनसामान्य लोगों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने जनदर्शन में पहुंचे सभी लोगों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और समुचित समाधान एवं निराकरण करने संबंधित विभागों को शीघ्र कार्यवाही कर आवश्यक पहल करने को कहा। जनदर्शन कार्यक्रम में डिप्टी कलेक्टर हितेश पिस्दा एवं उत्तम ध्रुव भी उपस्थित थे। जनदर्शन में अवैध कब्जा, आवासीय पट्टा, प्रधानमंत्री आवास, भूमि सीमांकन कराने, सीसी रोड निर्माण, ऋण पुस्तिका सुधार, आर्थिक सहायता राशि दिलाने सहित विभिन्न मांगों एवं समस्याओं से संबंधित आज 91 आवेदन प्राप्त हुए।
ग्राम निकुम निवासी ने आवासीय आबादी भूमि के नवनीकरण पट्टा जारी करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1968-69 में प्रदत्त पट्टे का रिकॉर्ड उनके पास मौजूद है, पर वर्ष 2024-25 के पुनः सर्वे के बाद नया पट्टा अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया। पटवारी द्वारा उच्च स्तर से आदेश लंबित बताए जाने पर वारिसों ने शीघ्र आदेश जारी कर नया आवासीय भूमि पट्टा सौंपने के लिए आवेदन दिया। इस पर कलेक्टर ने भू-अभिलेख को परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करने को कहा।
वार्ड 42 सुभाष नगर निवासी ने अपने गुमशुदा पति द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट और निजी वित्तीय कंपनियों के दबाव को लेकर शिकायत की। उन्होंने बताया कि उनके पति अगस्त से लापता हैं। पति द्वारा कई निजी फाइनेंस कंपनियों बजाज फाइनेंस, बंधन बैंक व अन्य से उनके नाम पर कर्ज लिया गया है। कर्ज का दबाव अब उन पर बनाया जा रहा है। परिवार की आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर होने और दो बच्चों की जिम्मेदारी होने के कारण उन्होंने वित्तीय कंपनियों को उधारी वसूली के नाम पर परेशान न करने के लिए आवेदन दिया। इस पर कलेक्टर ने लीड बैंक मैनेजर को आवश्यक कार्यवाही करने को कहा।
वार्ड 25, बजरंग नगर निवासी नेत्रहीन युवक ने अपने जर्जर मकान के पुनर्निर्माण हेतु प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ऋण प्रदान करने की मांग की। उन्होंने बताया कि उनका मकान अत्यंत खराब स्थिति में है और आर्थिक संसाधन न होने के कारण वे स्वयं निर्माण कार्य कराने में असमर्थ हैं। उन्होंने अपने आवेदन के साथ नेत्रहीनता प्रमाणपत्र, राशन कार्ड और आधार कार्ड भी संलग्न कर शीघ्र सहायता प्रदान करने आवेदन दिया। इस पर कलेक्टर ने दुर्ग नगर निगम आयुक्त को नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करने को कहा।
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