-झंडा दिवस पर साइकिल रैली, स्वच्छता, वॉकथोन, नशा मुक्ति का संदेश जैसे अनेक कार्यक्रमों का आयोजन
दुर्ग। भारत स्काउट्स एंड गाइड्स के स्थापना दिवस के रूप में मनाए जाने वाले झंडा दिवस पर पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय दुर्ग में सेवा और अनुशासन का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन स्काउट प्रभारी डॉ. अजय आर्य ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ साइकिल रैली से हुआ जिसमें विद्यार्थियों ने स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और नशा मुक्ति का संदेश दिया। प्राथमिक विभाग के विद्यार्थियों ने विद्यालय परिसर में स्वच्छता अभियान चलाकर स्वच्छ भारत का संदेश प्रसारित किया।

इस अवसर पर डॉ अजय आर्य ने प्राचार्य उमाशंकर मिश्र, और मुख्य अध्यापक कमल सोनी का स्कार्फ पहनाकर स्वागत किया ।उप प्राचार्य पुष्पा बड़ा का स्वागत नीना खत्री और एस.वी.एस. गायत्री ने किया।
छात्र-छात्राओं ने मिलकर झंडा गीत गया और स्काउट प्रतिज्ञा दोहराई।
अपने प्रेरक उद्बोधन में डॉ. अजय आर्य ने कहा कि स्काउटिंग केवल गणवेश का अनुशासन नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता और समाजसेवा का जीवन दर्शन है। डॉ. अजय आर्य नेअपने प्रेरक संबोधन में कहा कि छोटे-छोटे कार्यों से जीवन बड़ा बनता है। इसीलिए स्कार्फ में एक अच्छा कार्य करने के बाद गांठ लगाई जाती है। कोई गिर रहा हो उसको उठा दीजिए। स्कूल में किसी के घर अगर कोई परेशानी है तो उसके साथ टिफिन शेयर करना सीखिए। दूसरों की मदद करने का भाव आपको बड़ा बनता है। छोटे काम करके आप बड़े इंसान बन सकते हैं। स्वच्छता सेवा की आदत हमारे व्यक्तित्व में बदलाव लाते हैं। हम जब स्काउट की ड्रेस पहनते हैं तो हमने जिम्मेदारी का भाव होना चाहिए देश समाज संस्कृति और विद्यालय जहां भी हमारी आवश्यकता हो हमें अपनी भूमिका तय करके उसे कार्य को करना चाहिए इसीलिए स्काउट कर्मूतो तैयार रहो है।

प्राचार्य उमाशंकर मिश्र ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि स्काउटिंग विद्यार्थियों में राष्ट्रीय एकता, सेवा और चरित्र निर्माण के संस्कार विकसित करती है। हम सबको अपने जीवन में स्वच्छता की प्रति आग्रह रखना चाहिए। विद्यालय में ढाई हजार विद्यार्थी है अगर सब गंदगी करेंगे तो चार से लोग मिलकर उसका निराकरण नहीं कर सकते। हम जहां जिस रूप में भी विद्यालय को स्वच्छ सुंदर बनाने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं हमें कोशिश करनी चाहिए।
मुख्य अध्यापक कमल सोनी ने कहा कि स्काउटिंग एक ऐसा जीवनपथ है जहाँ सेवा, अनुशासन और निष्ठा एक साथ चलती हैं। झंडा दिवस हमें यह स्मरण कराता है कि राष्ट्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता ही सच्चा गौरव है। स्काउटिंग शिक्षा का व्यावहारिक स्वरूप है जो विद्यार्थियों को कर्मशील बनाता है। उप प्राचार्य श्रीमती पुष्पा बड़ा ने विद्यार्थियों को स्वच्छता के लिए प्रेरित किया।
इस दौरान अनेक गतिविधियाँ आयोजित की गईं जिनमें स्वच्छ भारत, साइकिल रैली, वॉकाथॉन, स्काउट्स सेवा प्रतिज्ञा समारोह प्रमुख रहे। विद्यार्थियों ने पूरे उत्साह के साथ समाजसेवा का संकल्प दोहराया। साइकिल रैली का नेतृत्व डॉ अजय आर्य, सतीश धीवर एवं टकेश्वर साहू ने किया।
कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षकगणों में उमाशंकर मिश्र, पुष्पा बड़ा, कमल सोनी, डॉ. अजय आर्य,नीना खत्री, एस.वी.एस. गायत्री, गुरलिन कौर, के.एस. वैद्य, गणेश ओझा, सतीश धीवर, टकेश्वर कुमार, आशुतोष सिंह, राखी श्रीवास्तव, गीता माली, सतविंदर कौर और रचना पाल शामिल रहे।
कार्यक्रम के अंत में स्काउट्स और गाइड्स ने 'सेवा ही सर्वोच्च धर्म है' का नारा लगाते हुए समाजसेवा, स्वच्छता और राष्ट्रभक्ति की भावना के साथ झंडा दिवस की गरिमा को सार्थक किया।
क्यों मनाया जाता है झंडा दिवस ..
भारत में प्रत्येक वर्ष 7 नवम्बर को स्काउट झंडा दिवस (भारत स्काउट्स और गाइड्स का स्थापना दिवस) मनाया जाता है। यह दिन स्काउटिंग आंदोलन के संस्थापक लॉर्ड रॉबर्ट बेडेन-पॉवेल को श्रद्धांजलि देने और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान को स्मरण करने के लिए समर्पित है। यह अवसर युवाओं में अनुशासन, सेवा और एकता जैसे मूल्यों को सुदृढ़ करने का प्रतीक माना जाता है।
वर्ष 1950 में बॉय स्काउट्स एसोसिएशन और हिंदुस्तान स्काउट गाइड ऑर्गनाइजेशन के एकीकरण से “भारत स्काउट्स और गाइड्स” का गठन हुआ था। झंडा दिवस न केवल इस ऐतिहासिक एकता का उत्सव है, बल्कि यह दिन स्काउटिंग की उस भावना को पुनर्जीवित करता है जो युवाओं को जिम्मेदार, संवेदनशील और राष्ट्रसेवी नागरिक बनने की प्रेरणा देती है।
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