दुर्ग। शासकीय वि.या.ता. स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय, दुर्ग के प्राणीशास्त्र विभाग द्वारा एक दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया। यह भ्रमण राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (आर.यू.एस.ए. 2.0) योजना के अंतर्गत प्राप्त मद से सम्पन्न हुआ।
भ्रमण का नेतृत्व विभागाध्यक्ष डॉ. दिव्या के. मिन्ज ने किया। उनके साथ प्राध्यापक डॉ. नीरू अग्रवाल, प्रो. सुदेश साहू, प्रो. अनुराग मिश्रा एवं गोपाल वर्मा उपस्थित रहे। इस भ्रमण में एम.एससी. प्राणीशास्त्र के 45 विद्यार्थी शामिल हुए।

भ्रमण दल ने गरियाबंद जिले के कुकुदा डैम, टौरेंगा डैम, चिगरा पगार जलप्रपात (टोइयामुड़ा) तथा माँ जतमई मंदिर क्षेत्र का भ्रमण किया। टौरेंगा डैम में विद्यार्थियों ने केज कल्चर प्रणाली का अवलोकन किया, जहाँ तिलापिया एवं पंगेसियस मछलियों का पालन किया जाता है। विद्यार्थियों ने इस आधुनिक मत्स्य पालन पद्धति का गहन अध्ययन करते हुए जल गुणवत्ता, आहार प्रबंधन, वृद्धि दर एवं संरक्षण तकनीकों से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त की।
इन प्राकृतिक स्थलों पर विद्यार्थियों ने स्थानीय जैव विविधता का अवलोकन किया, जिसमें पक्षी, तितलियाँ, कीट, सरीसृप तथा विभिन्न जलीय जीवों के आवासीय स्वरूप और उनके संरक्षण से संबंधित जानकारियाँ शामिल थीं।

इस अवसर पर तालुका विधिक सेवा प्राधिकरण, गरियाबंद के अध्यक्ष यशवंत वासनिकर, जिला न्यायाधीश, ने विद्यार्थियों को पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के प्रति मौलिक कर्तव्यों के संबंध में जागरूक करने हेतु मार्गदर्शन एवं सहयोग प्रदान किया।विभागाध्यक्ष डॉ. दिव्या के. मिन्ज ने बताया कि इस भ्रमण से विद्यार्थियों को पर्यावरण संरक्षण, पारिस्थितिक संतुलन एवं जैव विविधता संरक्षण से संबंधित व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त हुआ। ऐसे शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों में विषय के प्रति गहन रुचि उत्पन्न करते हैं तथा उन्हें जीव विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान और संरक्षण गतिविधियों से जोड़ते हैं।
इस गतिविधि में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अजय सिंह का मार्गदर्शन एवं पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ।
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