दुर्ग (छत्तीसगढ़)। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय दुर्ग के बघेरा स्थित “आनंद सरोवर” तथा राजऋषि भवन केलाबाड़ी दुर्ग में दीपावली उत्सव का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर शहरी एवं ग्रामीण अंचल के अनेक ब्रह्माकुमारी केंद्रों से भाई-बहनों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें ब्रह्माकुमारी रीटा बहन, रूपाली बहन, अविराज भाई (चेयरपर्सन, सेमटेक यूनिवर्सिटी, भोपाल) सहित अन्य वरिष्ठ बहनों ने दीप जलाकर मंगलारंभ किया।
इस अवसर पर “नशा नाश का द्वार–राजयोग खुशियों का आधार” विषय पर आधारित नृत्य-नाटिका का मंचन किया गया, जिसमें विवेक, सौरभ, चयन, अभिषेक, चहक, कन्हैया, ईश्वर, मेहुल और देव भाई ने शानदार प्रस्तुति दी। साथ ही कुमारी युक्ति, चंद्राणी, मौसमी और जागृति द्वारा आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किए गए।
माउंट आबू (राजस्थान) से पधारे ब्रह्माकुमार युगरत्न भाई ने अपनी सुमधुर भक्ति गीत प्रस्तुति से उपस्थित जनसमूह को आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत कर दिया।
इस अवसर पर रीटा बहन ने दीपावली पर्व का आध्यात्मिक अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा कि “वास्तविक दीपावली आत्म-ज्योति के जागरण की प्रतीक है।” उन्होंने बताया कि परमपिता परमात्मा शिव के ज्ञान से मनुष्य यह समझ पाता है कि वह देह नहीं, बल्कि चैतन्य आत्मा है, और जब आत्मा अपने वास्तविक स्वरूप को पहचान लेती है, तभी जीवन में पवित्रता, प्रेम, शांति और आनंद का प्रकाश फैलता है। यही आत्म-जागृति सच्ची दीवाली है, जब व्यक्ति अपने संपर्क में आने वाले सभी लोगों को सम्मान, प्रेम और शांति प्रदान करता है।
कार्यक्रम के समापन पर रूपाली बहन ने सामूहिक राजयोग मेडिटेशन कराते हुए सभी के सुख, शांति और समृद्धि की मंगल कामना की।
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