-केबीसी के मंच से अभिताभ बच्चन ने खुद जन्मदिन पर पौधरोपण करने की कही बात व लोगों से की अपील
-पर्यावरण संरक्षण के लिए सदी के महानायक अमिताभ बच्चन से फोर्स फार गुड हीरोस के रूप में हुए सम्मानित
दुर्ग। केबीसी के मंच से अब रोमशंकर द्वारा चलाई जा रही पर्यावरण संरक्षण की मुहिम का संदेश पूरे देश में पहुंच गया। 9 अप्रैल को प्रसारण कौन बनेगा करोड़पति के प्रसारण के दौरान केबीसी के मंच से अभिताभ बच्चन ने खुद जन्मदिन पर पौधरोपण करने की कही बात व लोगों से भी जन्मदिन पर पेड़ लगाने अपील की जो सोनी टीवी का प्रसारण होने वाले अन्य देशों तक भी उनका यह संदेश पहुंच गया । पर्यावरण संरक्षण के लिए सुपर स्टार अमिताभ बच्चन ने केबीसी में रोमशंकर को आदित्य बिरला ग्रुप की ओर से फोर्स फार गुड हीरोस का सम्मान भी प्रदान किया । अमिताभ द्वारा रोमशंकर की जन्मदिन व मांगलिक अवसरों पर पौधरोपण व पौधे भेंट करने की मुहिम को आगे बढ़ाने का ऐलान करते हुए कहा कि पर्यावरण जागरुकता के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण है।
इस सीजन में पूरे भारत वर्ष से 10 लोगों का फोर्स फार गुड हीरोस के रूप में चयन किया है इनमें से एक रोमशंकर यादव का नाम भी शामिल है। अभिताभ बच्चन ने केबीसी के मंच से रोमशंकर द्वारा जन्मदिन, मांगलिक अवसरों पर पौधरोपण व पौधे भेंट करने चलाए जा रहे मु्हिम को पर्यावरण संरक्षण के लिए स्वयं भी आगे बढ़ाने का ऐलान किया। गौरतलब कि इसके पहले भी रोमशंकर पर्यावरण संरक्षण के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथो स्पीक आऊट रिमेनिंग छत्तीसगढ़ सम्मान से भी सम्मानित हो चुके हैं।
श्री बच्चन ने कहा कि पर्यावरण के संरक्षण के लिए वे स्वयं भी अब रोमशंकर की तरह अपने जन्मदिन पर पौधरोपण करेंगे एवं लोगों को मांगलिक अवसरों पर पौधे भेंट करेंगे । अमिताभ द्वारा पर्यावरण संरक्षण की प्रेरणा को लेकर पूछे गए सवाल पर श्री यादव ने कहा कि उन्हें वैसे बचपन से पेड़ पौधों से लगाव रहा है परंतु वे पर्यावरण की रिपोर्टिंग करते करते पर्यावरण कार्यकर्ता बने हैं। वे पर्यावरण प्रेमी स्व गैंदलाल देशमुख एवं मरौदा डेम के आसपास पेड़ों की कटाई पर लगातार रिपोर्ट लेखन कर रहे थे तब उन्हें लगा कि एक बुजुर्ग स्व गैंदलाल देशमुख ने स्वयं पौधे रोपकर 5 एकड़ बंजर जमीन को जंगल बना दिया, वहीं दूसरी ओर ग्राम डुन्डेरा व मरौदा डेम के आसपास बीएसपी द्वारा 18 करोड़ की लागत से लगाए गए 10 लाख पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही थी। रोज यहां हजारों की संख्या में पेड़ कांटे जा रहे थे, तब लगा कि एक बुजुर्ग बंजर को जंगल बना सकता है तो वे युवा होकर अपने पास पहले से मौजूद जंगल को क्यों नहीं बचा सकते। फिर उन्होंने यहीं से मरौदा डेम के आसपास लगे पेड़ों को बचाने मुहिम शुरू कर दी इसके बाद उनकी इस मुहिम में ज्ञानप्रकाश साहू, प्रेमनारायण वर्मा, सरोज साहू, राजेश चंद्राकर , विश्वकुमार साहू सहित अनेक युवा जुड़ गए जिन्हें लेकर उन्होंने हितवा संगवारी नामक संगठन बनाया और तब से अब तक यहाँ लगाए लगभग साढ़े छः लाख पेड़ों को कटने से बचा कर रखे हैं। इसके अलावा उनके प्रयासों से लगभग दो लाख नए पेड़ तैयार हुए। इस तरह कुल साढ़े आठ लाख पेड़ों को संरक्षित कर रखे गए है।
अमिताभ बच्चन ने उनके द्वारा जलयात्री के रूप में किए गए खारून नदी तट पर लगभग ढाई सौ किमी पदयात्रा पर भी चर्चा की साथ ही उनके पर्यावरण संरक्षण कार्य से लोगो को जोड़ने के प्रश्न पर श्री यादव ने कहा कि उनका मानना है पेड़ लगाने व इसकी रक्षा करना सबसे निःस्वार्थ पूजा है। जब व्यक्ति पूजा करता है तो खुद व परिजनों की समृद्धि की कामना करता है। गर दुश्मन है तो उनके लिए प्रार्थना नहीं करता मगर पेड़ लगाने से यह अपने साथ समस्त प्राणियों को बिना भेदभाव किए आक्सीजन देता है । यहां तक दुश्मन भी हो तो उन्हें आक्सीजन मिलेगा इसलिए भी हम सबको पौधरोपण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अपने लिए अमेजन के जंगलो से नहीं बल्कि आसपास के पेड़ों से अपने लिए आक्सीजन मिलेगा। इसलिए आसपास लगे पेड़ों को बचाने के साथ पेड़ लगाना जरूरी है, यदि हर व्यक्ति अपने जन्मदिन व शादी, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक अवसरों पर ही एक पौधे रोपित कर संरक्षित कर ले तो पूरे भारत में हरियाली आ सकती है। श्री यादव ने केबीसी के मंच से सरकार से भी अपील किया कि शासकीय पौधरोपण के दौरान यदि अलग अलग पेच में एक ही प्रकार के फलदार पौधे रोपे जाय तो यह पेड़ बनने के बाद उत्पादक चीज में निवेश के साथ पर्यावरण संरक्षण के लिए भी कारगर साबित होगा।
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