छत्तीसगढ़

दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सराहनीय पहल

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-सेवा पखवाड़ा के तहत 6 दिवसीय दुकानदार प्रशिक्षण का हुआ समापन
बालाघाट
। जिले में 17 सितंबर से 02 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़े के अंतर्गत विभिन्न तरह की गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इसी कड़ी में समाज के कमजोर और वंचित वर्गों जिलेको सशक्त बनाने के उद्देश्य से कलेक्टर मृणाल मीना एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अभिषेक सराफ के मार्गदर्शन में ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (RSETI) और ग्रामीण आजीविका मिशन (MPRLM) ने मिलकर दिव्यांगजनों के लिए एक विशेष 6 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना था।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बालाघाट जिले के विभिन्न विकासखंडों से आए 24 दिव्यांग प्रतिभागियों के लिए आयोजित किया गया था। इनमें 8 महिलाएं और 16 पुरुष प्रशिक्षार्थी शामिल थे, जिन्होंने बड़ी लगन और उत्साह के साथ इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।  इस प्रशिक्षण का केंद्र बिंदु प्रतिभागियों को 'शॉपकीपर' यानी एक सफल दुकानदार बनने के लिए आवश्यक सभी कौशल प्रदान करना था। इसमें सिर्फ किराना दुकान चलाने की तकनीकी जानकारी ही नहीं दी गई, बल्कि इससे जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं को भी शामिल किया गया।

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इस दौरान प्रतिभागियों को सिखाया गया कि कैसे एक छोटे व्यवसाय की शुरुआत की जाए, उसे प्रबंधित किया जाए और बाजार में आने वाली चुनौतियों का सामना किया जाए। इसके साथ ही उन्हें सामान की खरीद, स्टॉक प्रबंधन, ग्राहकों से व्यवहार, और बिक्री बढ़ाने के तरीकों के बारे में विस्तार से समझाया गया।
प्रशिक्षण में बैंकिंग प्रणाली, ऋण (लोन) प्राप्त करने की प्रक्रिया और छोटे व्यवसायों के लिए उपलब्ध सरकारी योजनाओं की जानकारी भी प्रदान की गई, ताकि वे अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक शुरू कर सकें। 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर सेंट RSETI के कार्यक्रम समन्वयक श्री अंकित लिल्हारे और आजीविका मिशन के जिला प्रबंधक (स्किल) श्री दिलीप सिंह ने सभी 24 प्रतिभागियों को उनके प्रयासों के लिए प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस दौरान उन्होंने सभी प्रशिक्षार्थियों की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण उनके जीवन में एक नया अध्याय शुरू करेगा और उन्हें केवल रोजगार खोजने वाला नहीं, बल्कि रोजगार देने वाला भी बनाएगा। उन्होंने सभी को एक सफल उद्यमी बनने के लिए प्रेरित किया। 
इस पूरे प्रशिक्षण को सफल बनाने में RSETI की फैकल्टी श्रीमती अनीता चौधरी और कार्यालय सहायक शिवम कटरे का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिन्होंने प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान की। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भरता की राह पर ले जाएगा, बल्कि समाज में उनके योगदान को भी मजबूत करेगा।

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