-गरबा उत्सव समिति की बैठक में कोलाहल अधिनियम का पालन करने का निर्णय
रायपुर। आगामी गरबा उत्सव को लेकर कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी डॉ. गौरव सिंह के मार्गदर्शन में जिला पंचायत कार्यालय के सभागार में गरबा उत्सव समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग धीमी ध्वनि में किए जाने तथा कोलाहल अधिनियम का पालन सुनिश्चित किए जाने का निर्णय लिया गया। साथ ही डीजे का उपयोग रात 10 बजे के बाद पूर्णत: प्रतिबंधित किया गया। इस अवसर पर एसडीएम नंदकुमार चौबे सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। धार्मिक भावना ना हो आहत इसला रखें विशेष ध्यान बीते दिनों गणेश उत्सव के दौरान आयोजन में अश्लीलता को लेकर राजधानी में बवाल की स्थिति बन गई थी। जिसको देखते हुए इस बार प्रशासन किसी भी प्रकार से उक्त परिस्थितियों को दोहराना नहीं चाह रहा है। इसे देखते हुए बैठक में आयोजकों से स्पष्ट रूप से गरबा में बजने वाले गीतों का विशेष ध्यान रखने को कहा गया। प्रशासन ने इसके लिए कहा कि ऐसे गीत या संगीत का प्रयोग न किया जाए जिससे किसी की धार्मिक भावना आहत हो। यातायात संभालेंगे स्वयंसेवक, निगम से अनुमति अनिवार्य बैठक में एडीएम उमाशंकर बंदे ने कहा कि गरबा समितियां यातायात व्यवस्था सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए स्वयंसेवकों की नियुक्ति करें तथा सुरक्षा एवं पार्किंग की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को भी कहा। एएसपी लखन पटले ने कहा कि ऐसे आयोजनों के लिए नगर निगम से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। साथ ही बिजली विभाग, अग्निशमन विभाग एवं संबंधित थाना प्रभारी से भी अनुमति प्राप्त कर सूचना देना आवश्यक होगा। क्या कहता है नियम ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने वाले विभिन्न कानूनों और नियम है, जैसे ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम, 2000 और राज्य-विशिष्ट अधिनियम, कोलाहल नियंत्रण अधिनियम, 1985. ये कानून शैक्षणिक संस्थानों के आसपास और रात के समय लाउडस्पीकर, डीजे और प्रेशर हॉर्न जैसे ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग को प्रतिबंधित करते हैं, ताकि ध्वनि प्रदूषण को रोका जा सके।
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